आदमखोर लेपर्ड को शार्प शूटर ने मारी गोली, ले चुका था 8 लोगों की जान

राजस्थान के उदयपुर शहर में आदमखोर लेपर्ड के आतंक से शुक्रवार सुबह लोगों को मुक्ति मिल गई. वन विभाग और पुलिस ने आतंक फैलाने वाले लेपर्ड को गोली मारकर उसका अंत कर दिया है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या ये वही आदमखोर लेपर्ड है या फिर वन विभाग ने किसी दूसरे लेपर्ड को मार दिया है. वन विभाग और पुलिस के शूटर ने लेपर्ड को शुक्रवार की सुबह शूट किया, जिसकी वजह से उसकी मौके पर ही मौत हो गई. लेपर्ड की मौत वहीं हुई जहां उसने दो दिन पहले दो महिलाओं पर हमला कर दिया था और उसमें से एक महिला की मौत हो गई थी.

उदयपुर जिले के बड़गांव और गोगुंदा सीमा क्षेत्र में पिछले 1 महीने में आठ लोगों को शिकार बनाने वाला आदमखोर लेपर्ड को वन विभाग पुलिस और ग्रामीण भी तलाश कर रहे थे. आदमखोर लेपर्ड को मारने के लिए विशेष शूटर भी बुलाए गए थे. वन विभाग ने हर क्षेत्र में वन पिंजरे लगाकर शूटर को भी बैठाया था. इसके अलावा हर जगह ट्रैप कैमरे और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए यहां तक कि सेना भी बुलाई और आदमखोर लेपर्ड को ढूंढने की कोशिश की गई, लेकिन इतने दिनों तक लेपर्ड हाथ नहीं लगा.

निगरानी में लगाए गए थे कैमरे

मदार इलाके में बुधवार को तालाब के पास खेतों में जब दो महिलाएं सोयाबीन काट रही थी तभी झाड़ियों में छुप कर बैठे लेपर्ड ने महिलाओं पर हमला कर दिया. इसमें एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई. उसके बाद वन विभाग और शूटर और पुलिस उस क्षेत्र में तैनात रही जहां पर महिलाओं पर हमला किया था. इस दौरान उस पर निगरानी रखने के लिए कैमरे और पिंजरा भी लगाया गया. ऐसे में जैसे ही सुबह लेपर्ड दिखा तो उसे शूट कर गिरा दिया.

सैंपल भेजकर चलेगा पता

गांव के लोगों का कहना है कि क्या आदमखोर यही है या और कोई और है इसका पता नहीं चला है. इसके अलावा वन विभाग के अधिकारी का भी कहना है कि आदमखोर कौन है इसकी वन विभाग जांच कर रहा है. वहीं सज्जनगढ़ बायोलॉजी पार्क से भी वन विभाग की टीम और डॉक्टर की टीमें मौके पर पहुंची हैं. जानकारी के मुताबिक सैंपल बाहर भेजकर पता लगाया जाएगा कि लेपर्ड ने कितने लोगों का शिकार किया है और क्या आदमखोर यही है इसका भी पता लगाया जाएगा.

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