राजस्थान: यूक्रेन से भारत आने वाले राज्य के छात्रों का पूरा खर्च सरकार देगी- अशोक गहलोत

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए लगातार कोशिशें जारी हैं। सरकार अपनी ओर से भी कोशिश कर रही है और छात्रों से भी अपने स्तर पर प्रयास करने के लिए कहा गया है। राजस्थान के भी कई छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इन छात्रों के लिए राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को बड़ा एलान किया। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोई यूक्रेन से किसी भी माध्यम से यहां आता है, उसका पूरा खर्च राजस्थान सरकार वहन करेगी। 

इसके साथ ही गहलोत ने भी स्थिति की गंभीरता को समझते हुए छात्रों को सुरक्षित रहने और भारतीय दूतावास के दिशानिर्देशों के अनुसार ही चलने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि यूक्रेन से भारत में किसी भी एयरपोर्ट तक आने तक का पूरा खर्च राज्य सरकार देगी। इसके साथ ही भारत के किसी भी एयरपोर्ट से बच्चों को उनके घर तक पहुचाने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार की होगी।

युद्ध ग्रस्त देश यूक्रेन में फंसे राजस्थान के छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए राज्य सरकार लगातार कोशिशें कर रही है। सरकार विदेश मंत्रालय के संपर्क में बनी हुई है और केंद्र को अपने छात्रों की सूची भी सौंपी है। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने के लिए भारत सरकार की ओर से भी प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन शनिवार को यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने ट्विटर के जरिए छात्रों से अपने एजेंट से संपर्क करने के लिए कहा गया है।

छात्रों से कहा गया है कि वह अपने एजेंट से कहें कि यूक्रेन की सीमा से बाहर निकलने के लिए बस या अन्य संसाधन की व्यवस्था करें। यूक्रेन के पास पोलैंड और रोमानिया हैं जहां सड़क मार्ग से जाया जा सकता है। उधर, एजेंट भी भारतीय दूतावास से संपर्क बनाए हुए हैं। एक एजेंट का कहना है कि हम बस का इंतजाम को कर सकते हैं लेकिन जब तक हमें यूक्रेन सरकार की ओर से सुरक्षा नहीं उपलब्ध कराई जाती है हम कोई खतरा मोल नहीं लेंगे।

एजेंट ने बताया कि कल (शुक्रवार को) जो छात्र निकले थे वो रोमानिया से मात्र 60 किलोमीटर ही दूरी पर ही थे इसलिए उनको निकलना आसान था। लेकिन, जो छात्र कीव में फंसे हैं उन्हें लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि कीव और पोलैंड की दूरी 600 किमी है। साथ ही एजेंट ने यह भी बताया कि कीव को जोड़ने वाले पुल को भी नुकसान हुआ है, इसलिए यूक्रेन की सुरक्षा गाड़ी के आने के बाद ही छात्रों को यहां से निकाला जा सकता है।

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