राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर समुदाय एक नवंबर यानी आज से आंदोलन शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में रविवार को भरतपुर में गुर्जर समुदाय के सदस्यों ने रेलवे ट्रैक को ब्लॉक कर दिया. समुदाय के लोक ट्रेक पर उतर आए और इतना ही नहीं कई लोग तो ट्रेक पर लेट भी गए. हाल ही में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से घोषणा की गई थी कि शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण के लिए 1 नवंबर से राज्य भर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
गुर्जर समुदाय के आंदोलन को लेकर राजस्थान सरकार ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के कई जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगा दिया था. प्रशासनिक सचिव एनएल मीणा द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, भरतपुर, धौलपुर, दौसा, टोंक, सवाई माधोपुर, बूंदी और झालावाड़ जिलों को NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत रखा गया है. नोटिस के अनुसार, NSA के नियम आज से तीन महीने तक लागू रहेंगे.
सरकार ने की धारा 144 लागू
इसी के साथ, सरकार ने राजस्थान के धौलपुर शहर और करौली में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 144 लागू कर दी है, वहीं आंदोलन की शुरुआत करने के ऐलान को देखते हुए जिला मजिस्ट्रेट राकेश जायसवाल और पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए शुक्रवार को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. इससे पहले दिन में, राज्य के जयपुर जिले में इंटरनेट सेवाओं को भी 24 घंटे के लिए रोक कर दिया गया था.
राज्य सरकार ने इस आंदोलन को हाई कोर्ट के फैसले और कोरोना गाइडलाइंस के खिलाफ बताया है. राज्य सरकार और पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि आंदोलन किसी भी तरह से हिंसक ना हो सके, क्योंकि इससे पहले हुए इस आंदोलन में कई लोगों की जान चली गई थी और बड़ी संख्या में सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा था.
क्या है मामला
बता दें कि 18 अक्टूबर को राजस्थान के गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि ‘सबसे पिछड़े वर्ग’ के रूप में नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण को लेकर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वो 1 नवंबर से फिर आंदोलन करेंगे और गुर्जर समुदाय पूरे प्रदेश में चक्का जाम करेगा. बैंसला ने यह घोषणा भरतपुर में एक गुर्जर महापंचायत में की थी.