बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाया है कि राजस्थान में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। खुलेआम बहन बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है। बेरोजगारों के साथ छलावा हो रहा है। भर्ती पेपर लीक हो रहे हैं और सरकार का ऐसा रवैया है कि बेरोजगार आत्महत्या जैसी घटना कर रहे हैं।
सतीश पूनियां ने कहा कि इसलिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से संकल्प परिवर्तन यात्रा निकाली जा रही है। जो उत्साह इस यात्रा में दिखाई दे रहा है, वह पूरी तरह सत्ता परिवर्तन की ओर अग्रसर है। परिवर्तन यात्रा के दौरान दूसरे दिन अलवर पहुंचे सतीश पूनिया ने राज्य सरकार पर आरोप लगाए और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने खुलकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तारीफ की।
नेता की अहमियत खत्म होती है न सम्मान
वसुंधरा राजे की अहमियत खत्म होने के सवाल पर कहा कि न नेता की अहमियत खत्म होती है न सम्मान। उन्होंने अनेक अवसरों पर नेता विकसित किए हैं। जितने हमारे नेता हैं, उनका इतिहास, विरासत, स्किल है। पार्टी समय-समय पर उनका उपयोग करती है। वसुंधरा राजे प्रदेश की चारों यात्राओं की शुरुआत के समय मौजूद रही हैं। पूनिया ने कहा कि बदलाव की जरूरत पहले थी, अब भी है। जब लीडर होता है, तो उसका आकर्षण होता है। वसुंधरा 2003 के समय पार्टी में प्रोजेक्ट होकर आई। उनका ग्लैमर भी था। जब लीडर लीड करता है, तो उसका असर होता है। लेकिन इसका सैट फिनोमिना नहीं होता है। यह पार्टी डिजाइन तय करता है। उस समय मजबूरी ये थी कि पूरे राजस्थान की 200 विधानसभाओं को नापना था। 20 दिन में सारा काम करना था। उन्होंने इतना तक कह दिया कि 2003 और 2023 की परिवर्तन यात्रा में बड़ा अंतर यह है कि उस समय वसुंधरा राजे का ग्लैमर और आकर्षण था। जब कोई लीडर लीड करता है, तो ऐसा होता है। यही नहीं पूनिया ने कई बार वसुंधरा राजे का नाम लिया। इतना भी कहा कि उनके प्रति कभी अश्रद्धा का भाव मन में नहीं रखा। जब भी कार्यक्रम में मिलते हैं, बातें करते हैं।
आप कहेंगे तो पूछकर बता सकता हूं, राजे कहां हैं – पूनियां
पिछले दस दिनों से वसुंधरा राजे से पूनियां न मिले, न बात हुई है। जब पूनिया प्रदेशाध्यक्ष थे, तब वसुंधरा राजे का नाम उनकी जुबां पर इतना नहीं आता था। अब कुछ मिनट में आप चार बार नाम ले चुके हैं। क्या दोनों एक ट्रैक पर आ गए? इस सवाल पर पूनियां ने कहा कि पार्टी के हित के लिए एक रहे हैं। मैंने व्यक्तिगत संबंधों पर कभी कुछ नहीं कहा। मेरा व्यक्तिगत तौर पर किसी नेता और कार्यकर्ता के प्रति असम्मान और अश्रद्धा नहीं रही। हम सब एकमुखी होकर साथ चलें। मैं पहले भी उनका सम्मान करता था। आज भी करता हूं। 10 दिनों से वसुंधरा राजे यात्रा में नहीं हैं। इस सवाल पर कहा कि अभी तो मुझे जानकारी नहीं है। इन दिनों बात नहीं हुई। जब कार्यक्रमों में आती हैं, तब बात होती है, लेकिन आप कहेंगे, तो मैं पूछकर बता सकता हूं।
जनता खुद चल कर आ रही है
पूनियां बोले- हर चीज का समय होता है। कोई जमाने में कांग्रेस का गाय-बछड़ा अच्छा लगता था। आज कमल का फूल अच्छा लगता है। उन्होंने यात्रा के दौरान भीड़ को लेकर कहा कि ये नरेगा और आंगनबाड़ी की भीड़ नहीं है। सरकारी कर्मचारियों की पाबंद वाली भीड़ नहीं है। यह आर्गेनिक भीड़ है। जनता खुद चल कर आ रही है। हर परिस्थिति में भीड़ उस जगह का पैमाना नहीं है। प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सीआर चौधरी, भाजपा के जिला अध्यक्ष अशोक गुप्ता सहित तमाम नेता मौजूद रहे।