राजस्थान REET परीक्षा केंद्रों की सीसीटीवी कैमरा से होगी निगरानी

राजस्थान में आज राज्य की सबसे बड़ी परीक्षा 10 बजे से शुरू हो चुकी है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक अहम आदेश जारी कर रीट उम्मीदवारों को थोड़ी राहत और थोड़ा झटका दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने तीन दिन लगातार सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश जारी कर बीएड डिग्री धारी उम्मीदवारों को रीट लेवल -1 की परीक्षा में भाग लेने की अनुमति दी है। 

उच्च न्यायालय ने मामले में याचिकाकर्ता बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों, राजस्थान सरकार, बीएसटीसी धारकों व एनसीटीई का पक्ष विस्तार से जानने के बाद शुक्रवार को इस मामले में एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश जारी किया है। जस्टिस संगीत लोढ़ा व जस्टिस विनीत माथुर की खंडपीठ ने बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को रविवार को होने वाली रीट परीक्षा में  लेवल-1 के पेपर में भाग लेने की अनुमति दे दी है। हालांकि, इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई पूरी होने तक बीएड डिग्री धारक उम्मीदवारों के रीट लेवल-1 का परिणाम जारी करने पर अंतरिम रोक भी लगाई है। 

सरकार से लेकर प्रशासन तक चाक-चौबंद, इंटरनेट भी बंद
राजस्थान में रीट परीक्षा से जुड़ी तैयारियों को लेकर सरकार से लेकर प्रशासन तक चाक-चौबंद है। सभी अवकाश रद्द कर दिए गए हैं। छुट्टी के दिन भी सभी सरकारी कार्यालय खुलेंगे। नकल और पेपर लीक रोकने के लिए राज्य भर में शनिवार को इंटरनेट और मैसेजिंग सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई है। पुलिस की ओर से संदिग्ध और इंटेलीजेंस रिपोर्ट के आधार पर पेपर लीक गिरोह से जुड़े संदिग्ध लोगों की धरपकड़ की जा रही है।  नकल रोकने के लिए प्रदेशभर में 30 हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 

उम्मीदवारों और परिजनों के लिए यात्रा निशुल्क
16 लाख से अधिक रीट उम्मीदवारों और उनके परिजनों की निशुल्क अंतर जिला परीक्षा केंद्रों पर आवाजाही के लिए सरकारी परिवहन निगम की बसाें के अतिरिक्त 19 हजार निजी बसों का अधिग्रहण कर लिया है। ये बसें टोल फ्री रहेंगी। रेलवे की ओर से भी राजस्थान के प्रमुख शहरों से आने – जाने के लिए तीन दिन से कई विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सभी जिला कलेक्टर कार्यालयों और पुलिस कंट्रोल रूम में अलग नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं।   

ठहरने और खाने-पीने तक की व्यवस्था
उम्मीदवारों के रहने -खाने – पीने आदि के प्रबंध के लिए राज्य भर से सामाजिक संगठनों की सहायता ली गई है। मुख्यमंत्री के आह्वान के बाद राज्य भर से दानदाताओं और भामाशाहों ने दूसरे शहरों से आने वाले उम्मीदवारों और उनके परिजनों के ठहरने का बंदोबस्त किया है। विभिन्न समाजों ने भी अपने समाज से और सर्व समाज के उम्मीदवारों के लिए विभिन्न छात्रावासों, सामुदायिक भवनों को खोला गया है। 

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