सवाई माधोपुर: दो महीने की बच्ची को उठा ले गया जरख

सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर नेशनल पार्क की बालेर रेंज से सटे नोराड का टापर गांव के नजदीक छप्परपोश के नीचे खाट पर सो रही दो माह की बालिका को जरख (वन्यजीव ) उठाकर ले गया। परिजनों ने हो-हल्ला व पथराव कर करीब डेढ़ सौ मीटर दूरी पर बालिका को जरख के मुंह से छुड़ाया लेकिन तब तक बालिका दम तोड़ चुकी थी। बालिका के परिजन घायल दो माह की बालिका तनिष्का को लेकर खंडार अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने मौके से जरख के पगमार्क लिए। वहीं इस मामले में वन विभाग के अधिकारी वन्यजीव जरख के बजाय किसी कुत्ते द्वारा हमला करने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। वन विभाग के अनुसार मृत बालिका नोराड का टापर निवासी सत्यनारायण बैरवा की दो माह की बेटी है । बालिका के पिता ने बताया कि वे परिजनों के साथ अपने खेत में मिर्च की फसल की निराई-गुड़ाई कर रहे थे।

पास में ही बने एक छप्परपोश में दो माह की बेटी तनिष्का को खाट पर सुला रखा था, इसी दौरान बेटी के रोने की आवाज सुनकर उसकी मां चंद्रकला बालिका को दूध पिलाने के लिए छप्परपोश में गई और उसे सुलाकर खेत में वापस आ गई। उसके कुछ देर बाद जब वो खुद पानी पीकर छप्परपोश से वापस जाने लगा तो एक जरख ने अचानक मासूम तनिष्का पर हमला बोल दिया और उसे लेकर भाग गया।

पिता कुछ समझ पाता इससे पहले ही जरख उसकी बेटी को मुंह में दबाकर वहां से भाग निकला। पिता और अन्य परिजनों के चिल्लाने पर लोगों ने बालिका को छुड़ाने के लिए जरख पर पथराव भी किया, जिससे करीब डेढ़ सौ मीटर दूर जाकर जरख बालिका को छोड़कर भाग गया।

गंभीर रूप से घायल बच्ची को लेकर परिजन खंडार अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंचे वनकर्मियों ने जरख के पगमार्क लिए लेकिन बाद में किसी कुत्ते द्वारा हमला किए जाने की बात कहकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। परिजनों का आरोप है कि वन विभाग के कर्मचारी बालिका पर हुए हमले को कुत्ते का हमला बता कर मुआवजा देने से पल्ला झाड़ रहे हैं।

इस संबंध में वनपाल व अन्य अधिकारी अब तक गांव में पीड़ित परिवार के हाल जानने नहीं पहुंचे हैं। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर व सीसीएफ से मामले की जांच कर उचित मुआवजा दिलाने और मामले की अनदेखी करने वाले वनकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है । 

रणथंभौर के सहायक वन संरक्षक अरुण शर्मा का कहना है उन्हें मामले का पता नहीं है। बालेर रेंज वनपाल ने उच्च अधिकारियों को अब तक मामले से अवगत नहीं करवाया, यह उनकी अनदेखी को दर्शाता है। वहीं बालेर रेंज वनपाल चौथमल का कहना है कि सोई हुई बालिका को जरख नहीं बल्कि कुत्ता उठाकर ले गया था। मौके पर पहुंचे वनकर्मियों को वन्य जीव के पगमार्क भी नहीं मिले थे। परिजनों का आरोप निराधार है।

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