यूक्रेन-रूस युद्ध:इंडियन स्टूडेंट्स को गन से डरा रहे यूक्रेनी सैनिक

यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के हालात में कीव शहर में होर्लिस्का स्ट्रीट पर इंडियन हॉस्टल में फंसे 100 से ज्यादा भारतीय छात्रों की रविवार की रात दहशत के माहौल में गुजरी। छात्रों ने कहा कि आर्मी पर्सन ने हॉस्टल के तीनों गेट तोड़ दिए थे। कोई गार्ड या पुलिस हमारी मदद के लिए नहीं है। मजबूर होकर हमने आर्मी पर्सन का सामना करने के लिए डंडे हाथ में लेकर रात गुजारी। सोमवार सुबह इनमें से कई छात्र छुपते हुए दानिशिया रेलवे स्टेशन पहुंच चुके हैं। मकसद यही है कि किसी तरह हंगरी या रोमानिया के बॉर्डर पहुंच जाएं।

कीव यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में फंसे छात्रों ने वीडियो जारी कर हालात बयान किए। राजस्थान के एक छात्र मनीष प्रजापत ने बताया कि हॉस्टल के आस-पास रिहायशी इलाकों में रशियन आर्मी और यूक्रेनी आर्मी के बीच आमने-सामने लड़ाई हो रही है। हॉस्टल में फंसे स्टूडेंट्स ने कहा कि मामले को लेकर UN में हुई वोटिंग के बाद से यूक्रेन आर्मी का बिहेव भी बदल गया। आर्म्ड पर्सन उन्हें गन से डरा रहे हैं। मनीष का कहना है कि हॉस्टल की थ्री लेयर सिक्युरिटी रविवार रात खत्म हो गई। 30 सैकेंड में आर्मी पर्सन ने गेट तोड़ दिया। दो आर्मी पर्सन हॉस्टल में घुस आए। हम ये भी नहीं जानते कि ये रूस की आर्मी है, यूक्रेन की है या फिर यूक्रेन के नागरिक हैं। हॉस्टल में करीब 100 भारतीय स्टूडेंट्स फंसे थे। हाथ में डंडे लेकर दहशत के साये में रविवार की रात गुजारी। उन्होंने भारतीय एंबेसी से मदद मांगी, उनका कहना है कि एंबेसी किसी भी तरह की मदद नहीं कर पा रही है।

तेज हमलों की बारिश में फंसे छात्र
कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल से नागौर के रामरी गांव के मनीष प्रजापत ने अपने साथियों के साथ मिलकर वीडियो बनाया और मदद की अपील की। मनीष ने बताया कि कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी कीव शहर के बीचोंबीच एयरपोर्ट के करीब है। यहां तेज हमले हो रहे हैं। MBBS का थर्ड ईयर है। सभी स्टूडेंट एम्बेसी से लगातार इवेक्युएशन की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन मौजूदा हालत में एंबेसी भी हेल्पलेस हो गई। UN वोटिंग के बाद मुश्किलें बढ़ गई। यूक्रेन आर्मी का बिहेव बदल गया। एक रात में कई बार आर्म्ड पर्सन हॉस्टल में घुसे और गन से धमकाया।

पुतिन से कहना- इंडियन हॉस्टल होर्लिस्का स्ट्रीट 124 पर बम न गिराएं
बीकानेर के छात्र प्रशांत सिंह राठौड़ ने रविवार रात जारी किए वीडियो में बताया कि इंडियन हॉस्टल होर्लिस्का स्ट्रीट 124 पर है। रात में दो लोग यहां वैपन लेकर घुसे थे। उन्होंने सभी गेट तोड़ दिए हैं। वे लोग बिल्डिंग की छत तक गए थे। हम डरे हुए हैं। लग रहा कि अब मिसाइल से हमला हो जाएगा। मनीष और प्रशांत से साथ बेंग्लुरू की एक छात्रा शिरिक्षा ने बताया कि 4-5 दिन से कोई मदद नहीं मिली। हम हेल्पलैस हैं। हमें अर्जेंट हेल्प की जरूरत है। एक छात्र तो इतना डर गया था कि उसने भारत सरकार से अपील की कि हम कीव हॉस्टल की गूगल लोकेशन भारत सरकार को भेज देंगे, भारत सरकार रशियन प्रेसीडेंट व्लादिमिर पुतिन से बात करके कहे कि उसकी फोर्स यहां बम न गिराए, यहां भारतीय छात्र हैं।

भारतीय एंबेसी पर उतारा गुस्सा
कीव यूनिवर्सिटी के इंडियन हॉस्टल से राजस्थान, पंजाब, बिहार और यूपी के कुछ और छात्रों ने वीडियो शेयर करते हुए भारतीय एंबेसी पर जमकर गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने अपने मोबाइल पर कुछ वीडियो दिखाते हुए कहा कि हॉस्टल के चारों तरफ हमले हो रहे हैं। लखनऊ यूपी की एक छात्रा ने गुस्से में कहा कि भारतीय एंबेसी को हजार कॉल किए लेकिन जवाब नहीं मिला, कहा जा रहा है कि अपनी रिस्क पर निकलिए। एक से दो सप्ताह का समय लगने की बात कही जा रही है। यहां पल-पल निकालना भारी पड़ रहा है। क्या हमारी डेड बॉडी लेने आएंगे। रविवार रात दहशत के साये में निकलाने के बाद सोमवार अल सुबह कुछ भारतीय छात्र हॉस्टल से रेलवे स्टेशन की तरफ निकल गए।

आज सुबह पहुंचे दानिशिया रेलवे स्टेशन
ये स्टूडेंट कीव हॉस्टल से इंडियन एम्बेसी की एप्रूवल के बिना ही सोमवार सुबह हॉस्टल छोड़कर छिपते हुए दानिशिया रेलवे स्टेशन पहुंच गए। यहां से अब वे ट्रेन पकड़ कर सेन्ट्रल वकसाल पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। छात्रों ने दानिशिया प्लेटफार्म से भी विडियो बनाकर हालात की जानकारी दी। यहां से छात्र जल्द से जल्द हंगरी बॉर्डर या रोमानिया बॉर्डर पहुंचना चाहते हैं।

इधर परिजन परेशान, हाथ जोड़कर अपील
कीव में फंसे नागौर के छात्र मनीष के पिता मिठाई की दुकान करते हैं। डेगाना जंक्शन पर उनकी दुकान करते हैं। मनीष के एक भाई और एक बहन है। मनीष बीते साल 26 जून को भारत आया था, 5 जुलाई 2021 को वह वापस चला गया। मनीष की मां ने रोते हुए हाथ जोड़कर भारत सरकार से अपील की है कि बच्चों को यूक्रेन से भारत सरकार सही सलामत निकाल लाए। कहा कि वहां उनके खाने-पीने की व्यवस्था भी नहीं है और पैसे भी खत्म हो गए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here