कला शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर टोंक में अनूठा प्रदर्शन

राजस्थान में 16 वर्षों से कला शिक्षकों के पद सृजन कर नियुक्ति की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन ने अब फिर से जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। सोमवार को नवाबी नगरी टोंक में बेरोजगार कला शिक्षकों ने बड़े अनूठे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया गया। घंटाघर चौराहे पर सुबह से जुटे जिलेभर के बेरोजगार कला शिक्षकों ने कैनवास पर पेंटिंग उकेरी और ढोलक, पेटी से गीत गाकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम 6 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा।

बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थी संगठन के बैनर तले महेश गुर्जर के नेतृत्व में टोंक जिले के बेरोजगार कला शिक्षकों ने आज अपनी पीड़ा खुलकर सुनाई। अभ्यर्थियों ने बताया कि पिछले कई वर्षों से सरकारी स्कूलों में कला शिक्षा में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। फर्जी ग्रेडिंग कर वर्षों से कला शिक्षा में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। हाल ही में कोर्ट के एक आदेश का भी जिक्र करते हुए महेश गुर्जर ने बताया कि राज्य सरकार न तो आदेशों की पालना कर रही है न बच्चों के भविष्य को संवार रही है।

महेश गुर्जर ने कहा कि राजस्थान की कक्षा 1 से 10 तक कला शिक्षा के अनिवार्य विषय होने के बावजूद बिना शिक्षण, बिना पुस्तक, बिना सैद्धांतिक, बिना प्रायोगिक उत्तर पुस्तिकाओं और बिना कला शिक्षकों के फर्जी मूल्यांकन किया जा रहा है। इसे जल्द बंद करना चाहिए। कला शिक्षकों की नियमित भर्ती की जाना चाहिए। इसके सहित 6 विभिन्न मांगों को पूरी करने की मांग उठाई है। बेरोजगार कला शिक्षकों के आज हुए अनूठे प्रदर्शन की प्रदेशभर में चर्चाएं हो रही हैं। ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि राज्य सरकार कब तक कला शिक्षकों की भर्ती करती है।

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