पायलट कैंप से असंतुष्ट कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे MLA की एक हकीकत ..

सचिन पायलट खेमे के असंतुष्ट कांग्रेस विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे पर सियासत गरमाई हुई है। हेमाराम चौधरी के तेवर भले अब कुछ नरम पड़े हैं। गुढ़ामालानी के विकास से जुड़े मुद्दों पर सरकारी अनदेखी से नाराज होकर हेमाराम चौधरी ने इस्तीफा दिया, लेकिन इस राजनीति के बीच पिछले 2.5 साल का विधानसभा का रिकॉर्ड कुछ अलग है। हेमाराम चौधरी ने विधानसभा में फरवरी 2019 के बाद एक भी सवाल नहीं लगाया।

हेमाराम चौधरी ने विधानसभा के पहले सत्र में 12 सवाल लगाए थे। उसके बाद ​उन्होंने एक भी सवाल नहीं पूछा। विधानसभा में शून्यकाल और बहस में जरूर हिस्सा लिया। राज्यपाल के अभिभाषण और बजट बहस के दौरान हेमाराम चौधरी ने गुढ़ामालानी की जनता के विकास से जुड़े मुद्दों पर सरकारी उपेक्षा को जिस तल्ख अंदाज से उठाया उसने खूब सुर्खियां भी बटोरीं। बहस के दौरान पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के 3 संतान की बाध्यता खत्म करने, बेरोजगारों से किए वादे पूरे करने और गुढ़ामालानी के विकास से जुड़े मुद्दों पर सरकार को जमकर घेरा था।हेमाराम चौधरी ने विधानसभा में बहस में भरपूर भाग लिया और कई निर्णायक मौकों पर बेबाकी से सरकार को कठघरे में खड़ा किया। इन सबके बावजूद पिछले 5 सत्रों से विधानसभा में सवाल नहीं लगाना चौंकाता है। पायलट खेमे के विधायक और पूर्व विधानसभा स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत ने भी चौथे और पांचवें सत्र में एक भी सवाल नहीं पूछे। इससे पहले के सत्रों में वे सवाल पूछते रहे हैं।

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