चित्रकूट समेत आसपास के क्षेत्रों में लगातार 12 घंटे से अधिक समय तक हुई भारी बारिश के चलते मंदाकिनी और बरदहा नदियों में बाढ़ आ गई है। दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। बताया जा रहा है कि मंदाकिनी में वर्ष 2004 के बाद यह सबसे बड़ी बाढ़ है। नदी का पानी पुलों के ऊपर से बह रहा है और कई जगहों पर सड़कें जलमग्न हैं।
एक ग्रामीण की मौत, 30 श्रद्धालु रेस्क्यू किए गए
मानिकपुर क्षेत्र के बेलहा नाले में तेज बहाव में एक ग्रामीण बह गया, जिनका शव करीब 100 मीटर दूर से बरामद हुआ। वहीं, सावन के कारण मंदाकिनी घाट पर मौजूद करीब 30 श्रद्धालु बाढ़ में फंस गए थे, जिन्हें पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षित बाहर निकाला।
मंदाकिनी का जलस्तर पार कर गया खतरे की सीमा
नदी का स्तर 126.5 मीटर के खतरे के निशान को पार कर चुका है। इससे घाट किनारे बने लगभग 25 छोटे मंदिर और 100 से अधिक दुकानें जलमग्न हो गईं हैं। कई बस्तियों में पानी भरने से लोग घर छोड़कर छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं। जलभराव इतना अधिक है कि कुछ स्थानों पर नावों से आवाजाही करनी पड़ रही है।
सड़कें ध्वस्त, गांवों से संपर्क कटा
बरदहा नदी में पानी बढ़ने से कई ग्रामीण इलाकों का संपर्क टूट गया है। कल्याणपुर में पुल के दोनों तरफ का एप्रोच मार्ग बह गया है, जिससे करीब 20 फीट गहरा गड्ढा बन गया है। धवइया नाले के उफान से छह गांवों की कनेक्टिविटी प्रभावित हुई है। इसके साथ ही कुल 10 छोटे-बड़े नाले भी उफान पर हैं और बाढ़ का असर करीब 20 किलोमीटर के दायरे में देखा जा रहा है।
प्रशासन अलर्ट मोड पर, पुलों पर यातायात रोका गया
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंडलायुक्त अजीत कुमार, डीआईजी राजेश एस., जिलाधिकारी शिवशरणप्पा जीएन और एसपी अरुण कुमार सिंह ने मौके का निरीक्षण किया। सभी प्रमुख पुलों और घाटों पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और यातायात रोक दिया गया है। नयागांव, प्रमोदवन और जानकीकुंड जैसे क्षेत्रों में नावों की मदद से फंसे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।
मंदिरों में घुसा पानी, पूजा-अर्चना भी ठप
मत्तगजेंद्रनाथ मंदिर के पुजारी विपिन बिहारी तिवारी और तोतामुखी हनुमान मंदिर के महंत मोहित दास के अनुसार, आधी रात से जलस्तर तेजी से बढ़ना शुरू हुआ। इससे मंदिरों की सीढ़ियों तक पानी भर गया और अंदर तक पानी पहुंचने से पूजा-पाठ बंद करना पड़ा। श्रद्धालुओं का घाट पर आना भी रुक गया है।