एएमयू का इस 41 बीघा जमीन पर पिछले 80 साल (1945) से कब्जा था। हालांकि कोई निर्माण यहां नहीं हुआ था लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन मैदान के रूप में इसका इस्तेमाल कर रहा था। हॉर्स राइडिंग यहीं होती थी। एएमयू इस जमीन पर अपना दावा करता आ रहा था। प्रशासन ने जांच कराई तो हकीकत सामने आ गई। 41 बीघा जमीन पर कब्जा पाया गया। नगर निगम और प्रशासनिक टीम ने इस जमीन पर कब्जा ले लिया है। यह कसरत सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक पांच घंटे तक चली।
दरअसल दो साल पहले मार्च 2023 में जिला प्रशासन ने सरकारी जमीनों के चिह्नांकन शुरू कराया था। इसी दौरान नगला पटवारी से पुरानी चुंगी की ओर बनने वाले फ्लाई ओवर के लिए पिलर लगाए जाने थे। क्योंकि यहां एएमयू की जमीन थी लिहाजा पिलर लगाने की अनुमति मांगी गई। मगर एएमयू ने अपनी जमीन में पिलर लगवाने से मना कर दिया। बाद में पता चला कि जिस जमीन में एएमयू पिलर नहीं बनाने दे रहा है वह नगर निगम की है। इस पर जांच शुरू कराई गई। एएमयू इस जमीन से जुड़ा कोई ऐसा दस्तावेज नहीं दिखा सका जो उनके मालिकाना दावे की पुष्टि करता हो। खतौनी में भी एएमयू का नाम नहीं है और न एएमयू प्रशासन ने अपना नाम दर्ज करवाने के लिए कोई प्रयास किया। लिहाजा 30 अप्रैल को इस भूमि को कब्जा मुक्त करा लिया गया।
नगर निगम क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करने वालों के लिए एएमयू के अवैध कब्जे से बुधवार को मुक्त कराई गई जमीन की कार्रवाई नजीर बनेगी। नगर निगम इतिहास में पहली बार एक बार में अरबों की संपत्ति को कब्जा मुक्त कराने के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम बधाई की पात्र है। – विनोद कुमार, नगर आयुक्त
नगला पटवारी में सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करा लिया गया है। इसको सरकारी कार्यालय व अन्य उपयोग में लिया जाएगा। इसके अलावा अन्य सरकारी जमीन भी हैं जिनको कब्जा मुक्त कराया जाएगा। – दिग्विजय सिंह, एसडीएम कोल
मुक्त कराई भूमि पर बनेंगे सरकारी विभागों के दफ्तर
30 अप्रैल को एसडीएम कोल दिग्विजय सिंह, सहायक नगर आयुक्त वीर सिंह, तहसीलदार कोल अविनाश कुमार, संपत्ति लिपिक विजय गुप्ता, एमपी सिंह आदि मौके पर पहुंचे और नगर निगम का बोर्ड वहां पर लगा दिया। जमीन नगर निगम को सौंप दी है। यहां पर डीपीओ वह अन्य सरकारी कार्यालयों के लिए योजना बनाई जा सकती है।
यह है मुक्त कराई गई जमीन
गाटा संख्या- क्षेत्रफल (हेक्टेयर में)
92 – 1.094
94 – 0.749
95/1- 0.449
95/2 – 0.737
96 – 0.495
98 – 0.081
90/1 – 0.500
नगर निगम से नहीं मिला कोई नोटिस, आवश्यक कानूनी कार्यवाही करेंगे : एएमयू
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) प्रशासन की ओर से प्रेस रिलीज जारी कर बताया गया कि संबंधित भूमि को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के तहत विश्वविद्यालय द्वारा विधिवत प्राप्त किया गया था। विश्वविद्यालय को इस संबंध में अलीगढ़ नगर निगम से कोई लिखित नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है, जिससे उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर मिल सके।विश्वविद्यालय सक्षम प्रशासनिक और न्यायिक स्तर पर अपने स्वामित्व को पुनर्स्थापित करने के लिए आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर रहा है।
एएमयू लगभग 80 वर्षों से इस भूमि पर लगातार काबिज है। जहां विश्वविद्यालय का राइडिंग क्लब और अन्य संबंधित गतिविधियां संचालित होती रही हैं। एएमयू के प्रवक्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है और हमेशा कानून की स्थापित प्रक्रियाओं का पालन करता आया है। विश्वविद्यालय अपनी संपत्तियों की रक्षा के लिए सभी कानूनी उपाय तत्परता से कर रहा है।