जवाहर नवोदय विद्यालय में छात्रा की कथित हत्या व दुष्कर्म मामले में एसआईटी ने तत्कालीन प्रधानाचार्या के खिलाफ चार्जशीट लगाई है। उन्हें छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने व साक्ष्य छिपाने का दोषी पाया गया है। एसपी ने बताया कि प्रधानाचार्य के खिलाफ चार्जशीट लगाई गई है। मामले में विवेचना जारी है।
कस्बे के नवोदय विद्यालय की छात्रा की कथित हत्या व दुष्कर्म मामले में एडीजी भानु भास्कर के निर्देशन में जांच कर रही एसआईटी ने तत्कालीन प्रधानाचार्या सुषमा सागर को छात्रा की खुदकुशी का दोषी माना है। साक्ष्यों व बयान आदि के आधार पर पाया गया कि घटना के बाद से लगातार प्रधानाचार्या द्वारा सहयोग न करते हुए साक्ष्यों को छिपाए रखा गया। जांच अधिकारी/टीम को भी घटना से जुड़े अहम साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए। इसके अलावा मृतक छात्रा द्वारा लिखे गए पत्र व अन्य छात्राओं, गवाहों आदि के बयान से स्पष्ट है कि प्रधानाचार्या द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन न करते हुए पीड़ित मृतका को उचित काउंसलिंग उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके कारण छात्रा ने खुदकुशी कर ली। वहीं मृतका की मां के बयान में भी यह बात सामने आई थी कि छात्रा घटना से कुछ दिन पूर्व से काफी दुखी व तनावग्रस्त थी। वहीं साथी छात्रों के व्यवहार से भी वह काफी आहत थी।
जांच में चौंकाने वाले तथ्य आए सामने
एसआईटी द्वारा की जा रही जांच में एक चौंकाने वाला तथ्य भी सामने आया है। जो सभी को हैरान करने वाला हो सकता है। नवोदय विद्यालय में लैंगिक अपराध भी पनप रहा था, चार्जशीट में दो छात्राओं के बीच समलैंगिंक संबंधों की बात सामने आई है। इसको लेकर कुछ छात्राओं द्वारा प्रधानाचार्या को लिखित में शिकायत भी दी गईं थीं। जिसमें एक छात्र का दूसरी छात्रा के साथ आपत्तिजनक हालत में सोना व व्यवहार आदि शामिल था। उक्त शिकायतें भी प्रधानाचार्या द्वारा लंबे समय तक छिपाई गईं।
तत्कालीन प्रधानाचार्या के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के संबंध में चार्जशीट दायर की गई है। उक्त मामले में विवेचना अभी भी जारी है