आगरा के सिकंदरा के कारगिल चौराहे पर बालाजी ज्वेलर्स में लूट और कारोबारी योगेश चौधरी की हत्या के मामले में पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आई है। पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने जब मामले की समीक्षा की तो पाया कि कई पुलिसकर्मियों ने कार्रवाई में कोताही बरती। इसके चलते सिकंदरा और न्यू आगरा थानों में तैनात छह दरोगाओं को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
लूटकांड का मामला
2 मई को बालाजी ज्वेलर्स पर लूट के दौरान कारोबारी योगेश चौधरी की हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लूट का खुलासा किया था। मुठभेड़ में आरोपी अमन मारा गया था, जबकि उसके भाई और पिता को जेल भेज दिया गया। वहीं, 50 हजार का इनामी फरार आरोपी फारुख की तलाश जारी है।
लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई
पुलिस आयुक्त ने लूटकांड के खुलासे में जुटी टीमों की समीक्षा की। इस दौरान पता चला कि सिकंदरा और न्यू आगरा थाने के कुछ दरोगाओं ने अपनी ड्यूटी सही से नहीं निभाई। डीसीपी सिटी ने निर्देश पर सिकंदरा थाने की प्राक्षी टॉवर चौकी प्रभारी बबलू पाल, एसएसआई सुनील कुमार, एसआई अरविंद कुमार, एसआई नरेंद्र कुमार, न्यू आगरा थाना चौकी इंचार्ज अखिलेश कुमार और दयाल बाग चौकी प्रभारी अमित कुमार को लाइन हाजिर कर दिया।
नई एसओजी का गठन
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि नई एसओजी के गठन तक पुरानी टीम काम करती रहेगी। एसओजी में तैनाती के लिए साक्षात्कार के आधार पर मेहनती और ईमानदार पुलिसकर्मियों का चयन किया जाएगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, 5 मई की रात पुलिस को बदमाशों की सटीक जानकारी मिली थी, लेकिन जब दबिश के लिए पुलिसकर्मियों से संपर्क किया गया, तो उनके फोन बंद मिले। बाद में सभी ने अलग-अलग बहाने बनाए। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए एसओजी का पुनर्गठन किया जा रहा है।
जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज
सिर्फ छह दरोगा ही नहीं, बल्कि अन्य थानेदारों की भूमिका की भी जांच हो रही है। जो भी पुलिसकर्मी जिम्मेदारी निभाने में असफल पाए जाएंगे, उन्हें भी लाइन हाजिर किया जाएगा। नई एसओजी टीम में सिर्फ मेहनती और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों को ही जगह दी जाएगी।