दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल को लेकर एक नई चिंता सामने आई है। मुख्य गुंबद के बाद अब उसकी मीनारों में भी सीलन का खतरा बढ़ गया है। इसे रोकने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मीनारों के संगमरमर के जोड़ों को भरने का काम शुरू किया है। यह प्रक्रिया उसी मरम्मत कार्य का हिस्सा है, जो मुख्य गुंबद के कलश के पास पानी के रिसाव के बाद आरंभ की गई थी।
अधिकारियों का कहना है कि रिसाव की सबसे अधिक संभावना जोड़ों से रहती है। इसी वजह से पुराने मसाले को हटाकर नया पेस्ट लगाया जा रहा है, ताकि संरचना की मजबूती बनी रहे।
सितंबर 2024 में भारी बारिश के दौरान ताजमहल के मुख्य गुंबद के कलश के पास से पानी का रिसाव हुआ था। एएसआई ने लिडार और थर्मल स्कैनिंग के जरिए दरारों और जोड़ से रिसाव की पुष्टि की थी। इसके बाद प्रभावित हिस्सों की मरम्मत का निर्णय लिया गया।
शनिवार को पश्चिम दिशा की मीनारों पर भी पाड़ लगाकर काम शुरू कर दिया गया। वरिष्ठ संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेयी ने बताया कि मीनारों की मरम्मत उसी प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसके तहत गुंबद और कलश के पास काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर जोड़ों में लगा पुराना मसाला बदलकर नया मसाला लगाने से न केवल सीलन रोकी जा सकती है बल्कि संरचना भी और मजबूत होती है।