मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर के महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में कहा कि प्रदेश ‘विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047’ पर काम कर रहा है। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे सरकार द्वारा जारी क्यूआर कोड को स्कैन कर 12 निर्धारित सेक्टर्स में अपने सुझाव दें और प्रदेश के विकास में योगदान करें।
कार्यशाला में मुख्यमंत्री ने प्रदेश की आर्थिक प्रगति और भविष्य की योजनाओं का रोडमैप साझा किया। उन्होंने बताया कि 2017 में यूपी की जीडीपी 12.36 लाख करोड़ रुपये थी, जो इस वर्ष के अंत तक 36 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इसी तरह प्रति व्यक्ति आय भी 45,000 रुपये से बढ़कर 1,20,000 रुपये हो गई है।
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत बनाने के पंच प्रणों के अनुरूप हर नागरिक को अपने जीवन में कुछ छोटे लेकिन महत्वपूर्ण संकल्प अपनाने होंगे। उन्होंने जल संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा, स्वच्छता, स्वदेशी मॉडल और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में व्यवहारिक कदम उठाने का आग्रह किया।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 110 से अधिक अकादमिक संस्थाओं में बुद्धिजीवी छात्रों और जनता के साथ संवाद कर रहे हैं, ताकि विकसित उत्तर प्रदेश के लिए व्यापक सुझाव जुटाए जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की युवा आबादी, उर्वरा भूमि और उद्योग एवं सेवा क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने पर्यटन, स्वास्थ्य और डिजिटल टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों को विकसित करने पर भी जोर दिया।
सीएम योगी ने यह भी कहा कि प्रत्येक व्यक्ति योग्य है और अपनी भूमिका निभाकर यूपी के विकास में योगदान दे सकता है। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे ‘समर्थ उत्तर प्रदेश’ पोर्टल पर अपने सुझाव दें। प्रदेश के सर्वोत्तम सुझावों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
इस कार्यशाला के दौरान मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश विजन 2047 केवल योजना नहीं, बल्कि हर नागरिक की भागीदारी से साकार होने वाली यात्रा है।