अलीगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय (आरएमपीएसयू) द्वारा 75 प्रश्नों की अनिवार्यता किए जाने के फैसले के विरोध में बीएएलएलबी के छात्रों ने डीएस कॉलेज के गेट पर कुलपति का पुतला फूंक दिया। छात्रों ने पिछली बार परीक्षा के आधार पर परीक्षा कराने की मांग की। मांगें न माने जाने पर चार दिन बाद अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने की चेतावनी दी।
शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले छात्रों ने कॉलेज परिसर से कुलपति की अर्थी निकालकर कॉलेज के गेट पर उसे फूंक दिया। कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की गई। महानगर मंत्री अंकुर शर्मा ने बताया कि कुलपति ने हमेशा की तरह इस बार भी एक तानाशाह रवैया अपनाते हुए छात्र विरोधी फैसला लिया। विद्यार्थी परिषद ने ज्ञापन के जरिये इस फैसले को वापस लेने की मांग की थी।
स्नातक की परीक्षाएं आगामी 9 नवंबर से प्रारंभ हो रही है, जिनमें 75 में से 75 प्रश्न हल करने की अनिवार्यता है। पिछले सेमेस्टर में 75 में से 50 प्रश्न हल करने थे। अभिविप के दिवाकर वार्ष्णेय ने बताया कि विद्यार्थियों में इस फैसले का विरोध है। धरने विभाग संगठन मंत्री विश्वेद्र, शैलेंद्र प्रजापति, हरेंद्र सिंह, राजगुरु, पूरन यादव, अरुण शर्मा, चिराग सक्सेना, नीतीश राठौर, चिराग भारद्वाज, सचिन सिंह, तेजज सिंह, अभय मिश्रा, पीयूष भारद्वाज, आशुतोष यादव, अभिषेक, लवकुश, निहाल सिंह, सोहिल खान आदि मौजूद रहे।

प्रश्न के साथ समय भी बढ़ाया : कुलपति
आरएमपीएसयू के कुलपति प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा किया जा रहा धरना प्रदर्शन गलत है। प्रश्नों के साथ परीक्षा का समय भी बढ़ाया गया है। पहले 50 प्रश्न को हल करने में 90 मिनट का समय दिया जाता था। अब 75 प्रश्नों को हल करने में 120 मिनट का समय दिया गया है। एक प्रश्न को हल करने में डेढ़ मिनट से ज्यादा का समय दिया जा रहा है, जो समुचित है।