शाहजहांपुर के मिर्जापुर में गंगा की जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। गंगा के तटीय इलाकों के गांवों में पानी घुस गया है। गंगा से जलालाबाद-ढाईघाट, शमशाबाद स्टेट हाईवे पर अधिक पानी होने से आवागमन बाधित हो गया है। स्टेट हाईवे पर नाव चलने लगीं हैं। रामगंगा नदी का पानी भी गांवों के मुहाने तक पहुंच गया है।
जलालाबाद-ढाईघाट, शमशाबाद, सौरिख, बिधूना स्टेट हाईवे पर फर्रुखाबाद जिले की सीमा में ग्राम चौंरा के निकट चार नाव चल रहीं हैं। ये नाव फर्रुखाबाद प्रशासन ने जिले के बाढ़ पीड़ितों को आवागमन की सुविधा के लिए मुहैया कराई हैं। इन नावों से कलान तहसील के बाढ़ पीड़ितों को भी सुविधा मिल रही है।
प्रशासन बता रहे सामान्य स्थिति
शाहजहांपुर जिले का प्रशासन जलमग्न ग्राम पंचायत पैलानी उत्तर, भरतपुर, पृथ्वीपुर-ढाई, गुटेटी उत्तर के लगभग दो दर्जन गांवों के जलमग्न हो जाने, ग्रामीणों के छतों पर रहने, पैलानी गांव के अंत्येष्टि स्थल और सड़कों पर शरण ले लेने के बाद भी स्थिति सामान्य बता रहा है। इन गांवों को जाने वाले रास्ते बाढ़ से कट गए हैं। गांवों में आई फ्लू, बुखार, चर्म रोग आदि के रोगियों को दवा भी नहीं मिल पा रही है। स्वास्थ्य विभाग सड़क किनारे के गांवों में मेडिकल कैंप लगाकर खानापूर्ति कर रहा है।
लगभग एक माह पहले इससे कम बाढ़ होने पर प्रशासन ने जलमग्न ग्राम आजाद नगर के 87 परिवारों को राशन किट वितरित कर पल्ला झाड़ लिया था। ग्राम पंचायत पैलानी उत्तर के मजरा इस्लामनगर, मस्जिद नगला, कटैला नगला, मोती नगला, बटन नगला, लोहार नगला, बांसखेड़ा, अभिचारपुर और पैलानी में ही सैकड़ों मजदूर परिवार भूख-प्यास से परेशान सरकारी मदद की राह देख रहे हैं।ग्राम पंचायत भरतपुर के प्रधान प्रतिनिधि संतोष सिंह कहते हैं कि लगभग एक माह से उनकी ग्राम पंचायत के मजरा पकड़िया नगला, पंखिया नगला, भरतपुर के दर्जनों मजदूरपेशा परिवारों के सामने पेट भरने की समस्या है। ग्राम पंचायत पैलानी उत्तर के अंत्येष्टि स्थल पर शरण लिए सेवाराम, फूल सिंह, विनोद, भंवरपाल आदि कहते हैं कि राजस्व विभाग कोई मदद नहीं कर रहा। सोमवार को राजस्व निरीक्षक सुखवीर सिंह ने क्षेत्रीय लेखपालों के साथ नाव से आजाद नगर के हालात देखे।
सीएचसी प्रभारी डॉ. आदेश रस्तोगी ने बताया कि पैलानी उत्तर में मेडिकल कैंप लगाया है। इस मेडिकल कैंप में आई फ्लू, बुखार, चर्म रोगों के 95 रोगियों का इलाज किया गया। इसी के साथ रामगंगा की बाढ़ से प्रभावित ग्राम दहेलिया आदि में भी कैंप लगाए गए हैं।
रामगंगा और बहगुल में भी आया उफान
शनिवार से जलालाबाद क्षेत्र की रामगंगा और बहगुल नदियां उफान पर हैं। रविवार रात से तटवर्ती गांवों में बाढ़ आने जैसी स्थिति बन गई है। इन गांवों में कई एकड़ धान, बाजरा और तिल की फसलें जलमग्न हो गईं हैं और कई गांवों के मुहाने तक पानी अपनी दस्तक दे चुका है। अल्दादपुर बैहारी के बाद खंडहर क्षेत्र में मंगटोरा से रपरा को जाने वाले रास्ते पर कमर तक पानी भर गया है। इसके कारण ग्रामीणों को चचुआपुर होते हुए करीब तीन किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करके जाना पड़ा रहा है।
सोमवार को विधायक हरिप्रकाश वर्मा ने भी कई गांवों पहुंचकर बाढ़ की स्थिति देखी और ग्रामीणों से बातचीत की। तहसीलदार पैगाम हैदर ने बताया कि कोला समेत सभी बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। नदियों का बहाव क्षेत्र अधिक होने के कारण अभी बाढ़ जैसी कोई स्थिति नही है।
गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बाढ़ राहत कार्यों को तेज कर दिया गया है। जहां पर लोगों को नाव की जरूरत पड़ रही है, वहां नाव उपलब्ध कराई जा रही है। बाढ़ चौकियों को सतर्क कर दिया गया। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अलर्ट जारी है। गांवों में अभी लोग सुरक्षित हैं।- डॉ. सुरेश कुमार, एडीएम वित्त एवं राजस्व, बाढ़ प्रभारी अधिकारी