उप्र: एडीजी पीएसी ने मातहतों को दिया निर्देश, दफ्तर में मेरी फोटो लगाओ 

प्रयागराज। एडीजी पीएसी बीआर मीना ने अपने मातहतों को निर्देश दिया है कि दफ्तरों में उनकी फोटो लगाई जाए। शुक्रवार को उनका भेजा गया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया। पत्र में न सिर्फ फोटो की साइज बताई गई थी बल्कि किस दुकान पर फोटो उपलब्ध है, इसका भी विवरण दिया गया था।

सरकारी दफ्तरों में आमतौर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भीमराव आंबेडकर के अलावा प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति का ही फोटो लगाने का प्रावधान है। एडीजी द्वारा अपनी फोटो लगाने का आदेश देने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। 

पीएसी पूर्वी जोन के आईजी रहे बीआर मीना का हाल में ही प्रमोशन हुआ था। वह आईजी से एडीजी के पद पर प्रमोट हुए हैं। एक फरवरी को एडीजी मीणा ने डीआईजी पीएसी कानपुर और वाराणसी अनुभाग के साथ ही पूर्वी जोन के सभी सेनानायकों को एक पत्र जारी किया। इसमें कहा गया था ‘ प्रिय महोदय, मेरा अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर पदोन्नति की निर्धारित वर्दी का रंगीन फोटोग्राफ नैनी फोटो सर्विस, हजरतगंज लखनऊ में उपलब्ध है।

जिसे आपके कार्यालय में लगाया जाना आवश्यक है। यह फोटो 8 गुणे 10 और 14 गुणे 18के माउंट पर चस्पा है।’ पत्र में नैनी फोटो सर्विस का पता और मोबाइल नंबर भी दिया गया था। शुक्रवार को यह पत्र वायरल हो गया। इसके बाद प्रदेश स्तर पर इस पत्र की चर्चा होने लगी। सोशल मीडिया पर इसको लेकर तमाम तरह कमेंट किए जाने लगे। 

फोटो लगाना सामान्य प्रक्रिया : एडीजी 
फोटो विवाद के बारे में एडीजी पीएसी बीआर मीना का कहना था कि यह एक सामान्य पत्राचार था। उनकी बतौर आईजी फोटो पहले से मातहतों के दफ्तर में लगी हैं। अब प्रमोशन के बाद के बाद वर्दी में कई बदलाव होते हैं। इस कारण उन्होंने फोटो बदलवाने के लिए सामान्य पत्राचार किया था। जिस फोटो सर्विस एजेंसी की बात लिखी है, वह एजेंसी पूरे प्रदेश में पुलिस विभाग का काम देखती है। 

पहले भी विवादों में नाम आ चुका है एडीजी का 
एडीजी बीआर मीना का नाम पहले भी विवादों में आ चुका है। उन पर एक रिटायर्ड अधिकारी की बेटी को रात में फोन करने के आरोप लगे थे, लेकिन जांच कमेटी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी। 

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