उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षक और छात्रों के अनुपात को संतुलित करने के उद्देश्य से बेसिक शिक्षा विभाग ने जिलावार तबादलों की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार को एक से दूसरे जिले में तबादले के लिए रिक्त पदों की सूची जारी की गई, जिसके अनुसार केवल 15 जिलों में स्थानांतरण की अनुमति दी जाएगी, जबकि शेष 60 जिलों में कोई रिक्ति उपलब्ध नहीं है।
बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, जिन 15 जिलों में स्थानांतरण की सुविधा दी गई है, वहां ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के लिए 13,266 पद, प्रधानाध्यापक के लिए 410 पद, उच्च प्राथमिक स्कूलों (कक्षा 6 से 8) में सहायक अध्यापक के लिए 16,009 पद और प्रधानाध्यापक के लिए 3,369 पद रिक्त हैं। इन तबादलों से विशेष रूप से पिछड़े और दूरस्थ जिलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने की योजना है।
परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि बलरामपुर, बांदा, बहराइच, बदायूं, हमीरपुर, जालौन, लखीमपुर खीरी, ललितपुर, मिर्जापुर, पीलीभीत, संभल, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और सोनभद्र जैसे जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक तबादले के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन रिक्तियों को विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। सचिव के अनुसार, यह कदम बच्चों की शैक्षिक जरूरतों और शिक्षक-छात्र अनुपात में संतुलन लाने के लिए उठाया गया है।
इन जिलों से अन्य किसी जिले में तबादला संभव नहीं होगा। जबकि अन्य 60 जिलों में किसी भी प्रकार की रिक्ति नहीं होने के कारण वहां से तबादले की सुविधा फिलहाल उपलब्ध नहीं है।
तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 10 जून से प्रारंभ हो चुकी है और 12 जून तक चलेगी। आवेदन पत्र की हार्डकॉपी संबंधित बीएसए कार्यालय में 9 से 13 जून के बीच जमा की जा सकती है। बीएसए द्वारा 14 जून तक ऑनलाइन सत्यापन कर डाटा लॉक किया जाएगा, और 16 जून को एनआईसी के माध्यम से तबादला सूची जारी की जाएगी।
इस बीच उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष निर्भय सिंह ने कहा कि जो शिक्षक सामान्य तबादले की उम्मीद लगाए बैठे थे, उन्हें इस बार भी कोई राहत नहीं मिली है। सुल्तानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और एनसीआर जैसे लोकप्रिय जिलों में स्थानांतरण की अनुमति नहीं दी गई है।