ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के बाद बाहर निकली एएसआई की टीम, कलाकृतियां कैमरे में कैद

ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे का अहम चरण शनिवार को 9वें दिन पूरा हो गया। सुबह नौ बजे से शाम पांच तक सर्वे की कार्रवाई चली।  दोपहर में लंच ब्रेक और नमाज के कारण करीब डेढ़ घंटे सर्वे प्रकिया को रोका गया। एएसआई टीम ने इतने दिनों में भवन की छत सहित हर हिस्से की नाप-जोख के साथ निर्माण शैली और प्रयुक्त सामग्री की बारीकी से पड़ताल की है। कई तरह की मशीनों के जरिए मिले तथ्यों को रिकॉर्ड लिया गया है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट दो सितंबर तक पेश करने का आदेश दिया है।

शनिवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच एएसआई की टीम ज्ञानवापी परिसर में दाखिल हुई। थोड़ी देर बाद वादी और उनके अधिवक्ता भी ज्ञानवापी परिसर पहुंचे। एएसआई ने अत्याधुनिक मशीनों से परिसर के अलग-अलग हिस्सों का सर्वे किया। विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में निर्माण शैली व अन्य कलाकृतियों को कैमरे में कैद किया।

शाम पांच बजे टीम बाहर निकली और गंतव्य के लिए रवाना हो गई।  बीते गुरुवार को जिला जज की अदालत ने आदेश दिया था कि एएसआई, वादी, प्रतिवादी, शासकीय अधिवक्ता और किसी अधिकारी को टिप्पणी करने और बयान देने का अधिकार नहीं है। रविवार सुबह एएसआई टीम ज्ञानवापी में सर्वे के लिए पहुंचेगी।

ज्ञानवापी में एएसआई के सर्वे पर जिला जज की अदालत के आदेश के बाद पुलिस व प्रशासन ने अपनी निगरानी और बढ़ा दी है। ज्ञानवापी पर बयानबाजी और टिप्पणी करने वालों से प्रशासन सख्ती से निपटेगा।  सर्वे से संबंधित सभी बयानों पर पुलिस और प्रशासन की अब पैनी नजर है। सोशल मीडिया की विशेष रूप से निगरानी की जा रही है।जिस किसी के बयान से भी ऐसा प्रतीत हुआ कि अदालत के आदेश का उल्लंघन हो रहा है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई में देरी नहीं की जाएगी। जिला प्रशासन और कमिश्नरेट के अफसर दोनों पक्षों के साथ बैठक कर उनसे संयम बरतने की लगातार अपील कर रहे हैं। दोनों पक्षों को लगातार समझाया भी जा रहा है कि सद्भाव बनाए रखें और किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें।

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