संभल में एएसआई टीम ने किया बावड़ी का निरीक्षण; परत दर परत निकल रही प्राचीन इमारत

उत्तर प्रदेश के संभल के चंदौसी इलाके में मिली सदियों पुरानी बावड़ी का बुधवार को एएसआई सर्वेक्षण टीम ने निरीक्षण किया। इसके अलावा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम संभल के लाडम सराय इलाके में भी पहुंची। यहां खुदाई के दौरान प्रशासन को एक पुराना कुआं मिला है। टीम ने इस कुएं का निरीक्षण भी किया। संभल प्रशासन द्वारा यहां खुदाई का काम चल रहा है। संभल के चंदौसी में मुस्लिम बहुल मोहल्ला लक्ष्मणगंज में मलबे और मिट्टी के नीचे सालों से दबी मिली बावड़ी की इमारत परत दर परत अब लोगों के सामने आ रही है। मंगलवार को चौथे दिन खोदाई की गई। पालिका के 30 मजदूर फावड़े से बावड़ी की ऊपरी मंजिल से मिट्टी हटाने में जुटे रहे। अंधेरा होने तक बावड़ी के अंदर जा रही तेरह सीढ़ियां स्पष्ट नजर आने लगी हैं। बुधवार को भी बावड़ी से मिट्टी निकालने का काम किया जा रहा है।

एक जेसीबी और तीन ट्रैक्टर ट्राली के साथ आए मजदूर
सोमवार को बावड़ी के ऊपर जमी मिट्टी और गलियारे से मिट्टी हटा कर सफाई कार्य का शुरू किया गया तो बावड़ी में जाने के लिए कुछ सीढ़ी नजर आईं। हालांकि तीसरे दिन मंगलवार को दोपहर में काम बंद कर दिया गया था। चौथे दिन मंगलवार को पालिका की टीम एक जेसीबी और तीन ट्रैक्टर ट्राली व 30 मजदूरों के साथ मौके पर पहुंची। 

सभी मजदूर बावड़ी के गलियारे से सीढ़ी तक लाइन से खड़े होकर मिट्टी हटाने के काम में जुट गए। मजदूर गलियारे से मिट्टी निकाल कर बाहर डाल रहे थे। वही जेसीबी मिट्टी को ट्रैक्टर-ट्राली में भर रही थी। शाम छह बजे करीब अंधेरा होने पर कार्य रोक दिया गया। तब तक बावड़ी में जा रही तेरह सीढ़ी स्पष्ट नजर आने लगीं।

UP News Sambhal Tunnel building of ancient stepwell is emerging layer by layer in Sambhal

खुदाई में बावड़ी की दीवार नजर आई
बता दें कि मोहल्ला लक्ष्मण गंज में बांके बिहारी मंदिर मिलने के बाद सनातन सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में बांकेबिहारी मंदिर के जीर्णोद्धार कराने और मंदिर के कुछ दूरी पर गली में खाली प्लाट में बावड़ी होने का दावा करते हुए डीएम राजेंद्र पैंसिया को प्रार्थनापत्र दिया था। डीएम के आदेश पर उसी दिन दोपहर में एडीएम न्यायिक सतीश कुशवाह के साथ तहसील और पालिका की टीम ने मौके पर पहुंच कर खुदाई शुरू की तो बावड़ी की दीवार नजर आई।

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बावड़ी का राज खोलने के लिए लगी 50 लोगों की टीम
बावड़ी का राज खोलने के लिए नगर पालिका परिषद के पचास लोगों की टीम कार्य में लगी है। जल निगम के जेई अनुज कुमार ने बताया कि बावड़ी का अस्तित्व सामने लाने के लिए पालिका के दो सेनेटरी इंस्पेक्टर, एक रेवन्यू इंस्पेक्टर, एक जेई की देखरेख में 30 मजदूर काम कर रहे हैं। एक जेसीबी और तीन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को भी लगाया गया है।

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बांके बिहारी मंदिर की पैमाइश हुई, होगा जीर्णोद्धार
उधर, मुस्लिम बहुल मोहल्ला लक्ष्मण गंज में मिले बांके बिहारी मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए मंगलवार को जमीन की पैमाइश कराई गई। मंदिर की भूमि पर फैला अतिक्रमण हटाया जाएगा और इसके बाद जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कराया जाएगा। डीएम के आदेश के बाद तहसीलदार ने टीम के साथ मौके पर पहुंच कर पैमाइश कराई है।

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बता दें कि मोहल्ला लक्ष्मण गंज में 17 दिसंबर को खाली पड़ी जमीन पर खंडहरनुमा 150 साल पुराना बांकेबिहारी मंदिर मिला था। इसके बाद शनिवार को तहसील में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में सनातन सेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने बांके बिहारी मंदिर के जीर्णोद्धार और मंदिर के पास ही एक गली में खाली पड़े प्लाॅट में बावड़ी होने का दावा करते हुए डीएम राजेंद्र पैंसिया को प्रार्थनापत्र दिया था। डीएम के आदेश पर उसी दिन बावड़ी की तलाश में खोदाई शुरू कर दी गई। चार दिन से खोदाई का कार्य किया जा रहा है और बावड़ी अपने अस्तित्व में आने लगी है।

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वहीं मंगलवार की शाम तहसीलदार धीरेंद्र सिंह, लेखपाल दानवीर सिंह और टीम के साथ मोहल्ला लक्ष्मण गंज पहुंचे और बांके बिहारी मंदिर की भूमि की पैमाइश की। पैमाइश में भूमि पर अवैध रूप से निर्माण पाया गया है। पैमाइश के बाद टीम वापस लौट गई।

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