माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने बुधवार को सर्किट हाउस अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में पुलिस महकमे के आला अधिकारी मौजूद रहे। आयोग के सदस्यों ने पुलिसकर्मियों और मेडिकल स्टाफ के द्वारा दर्ज कराए गए लिखित बयान का अवलोकन किया। साथ ही बयान में दी गई जानकारी और घटना के वीडियो फुटेज और अन्य साक्ष्यों का मिलान किया।
अतीक-अशरफ हत्याकांड की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग मंगलवार को शहर पहुंच गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले की अध्यक्षता में गठित आयोग के सभी सदस्य दोपहर बाद सर्किट हाउस पहुंचे। इस दौरान अधिकारियों ने पुलिस के आला अधिकारियों संग दो घंटे तक बैठक की। फिलहाल आयोग अगले तीन दिनों तक शहर में ही कैंप करेगा।
आयोग के सदस्य दोपहर बाद सर्किट हाउस पहुंचे। यहां पुलिस आयुक्त समेत विभाग के आला अफसर भी पहले से मौजूद थे। करीब आधे घंटे बाद आयोग के सदस्यों ने पुलिस अफसरों संग बैठक शुरू की। करीब दो घंटे तक बैठक चली जिसमें अतीक-अशरफ हत्याकांड को लेकर अफसरों से बिंदुवार जानकारी ली गई। साथ ही अब तक हुई कार्रवाई के बाबत भी सूचनाएं एकत्र की गईं।
सूत्रों ने बताया कि आयोग 19 मई तक शहर में ही कैंप करेगा। सर्किट हाउस में ही रहकर आयोग के सदस्य मामले की जांच के क्रम में कार्रवाई को आगे बढ़ाएंगे। इसके तहत घटना से संबंधित लोगों के लिखित बयान का अवलोकन व उनसे पूछताछ बुधवार से शुरू होगी। इनमें पुलिसकर्मियों के साथ ही डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टाफ के अलावा मीडियाकर्मी भी शामिल हैं।
शपथपत्र पर लिया गया बयान
सूत्राें का कहना है कि आयोग की ओर से घटना से संबंधित लोगों का लिखित बयान लिया गया। इस क्रम में सभी से शपथपत्र पर बयान देने को निर्देशित किया गया है। बयान में लिखी बातों का वीडियो व सीसीटीवी फुटेज से मिलान भी कराया गया। गौरतलब है कि आयोग की ओर से धूमनगंज थाने के 21 पुलिसकर्मियों समेत कॉल्विन अस्पताल के डॉक्टरों व अन्य मेडिकल स्टाफ के साथ ही मौके पर मौजूद रहे मीडियाकर्मियों को नोटिस भेजा गया है।
15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में की गई थी माफिया बंधुओं की हत्या
माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या 15 अप्रैल को पुलिस कस्टडी में उस समय कर दी गई थी जब दोनों को पुलिस कस्टडी रिमांड में भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मेडिकल मुआयना के लिए मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (कॉल्विन) अस्पताल लाया गया। शाम करीब पौने छह बजे लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य मीडिया कर्मी बनकर माफिया बंधुओं के पास पहुंचे। सवाल पूछने के दौरान तीनों ने दोनों माफिया पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शूरू कर दी। इससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।