अयोध्या: बदले समय से खुलना शुरू हुआ राम मंदिर, सिर्फ 15 मिनट को पट हुए बंद

रामनगरी में श्रद्धालुओं का सागर सरयू के समानांतर ही निरंतर प्रवाहित हो रहा है। अनुमान लगाया जा रहा था कि भीड़ अब कुछ कम होगी लेकिन प्रयागराज के श्रद्धालुओं का पलट प्रवाह अविराम जारी है। बृहस्पतिवार को आठ लाख से अधिक श्रद्धालु रामनगरी पहुंचे। राममंदिर में बृहस्पतिवार से दर्शन की नई समय सारिणी लागू हो गई है, दर्शन सुबह छह बजे से शुरू होने थे लेकिन दर्शन के लिए रामजन्मभूमि पथ पर सुबह 4:30 बजे से ही कतार लग गई थी।

बहुत सारे श्रद्धालुओं को दर्शन की समय अवधि में बदलाव की जानकारी नहीं थी। जिसके कारण श्रद्धालु डेढ़ घंटे पहले ही कतारबद्ध हो गए। बृहस्पतिवार को राममंदिर सुबह छह बजे से रात 10:30 बजे तक खुला। जो श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंच गए थे उन्हें दर्शन कराया गया। दोपहर आरती के दौरान भी मंदिर का पट खुला रहा, श्रद्धालु आरती के साक्षी बने। शाम सात बजे संध्या आरती के दौरान राममंदिर का पट 15 मिनट के लिए बंद रहा इसके बाद दर्शन लगातार जारी रहा। रात नौ बजे तक राममंदिर में श्रद्धालुओं को प्रवेश मिला।

रात 10 बजे शयन आरती के बाद मंदिर बंद किया गया। वहीं प्रशासन का कहना है कि यदि भीड़ लगातार आती रही तो फिर से रामलला के दर्शन की अवधि बढ़ानी पड़ेगी। राममंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र ने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार उमड़ रही है। बृहस्पतिवार को भी ढ़ाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। वीआईपी दर्शन के पास एक दिन पहले ही फुल हो जा रहे हैं। दर्शन के समय में बदलाव किया गया है लेकिन भीड़ कम नहीं हो रही है। श्रद्धालुओं के सुगम दर्शन के इंतजाम किए गए हैं।

स्कूल खुला, बंदिशों से परेशान हुए अभिभावक

एक सप्ताह बाद बृहस्पतिवार को अयोध्याधाम के स्कूल तो खुल गए लेकिन बंदिशें बरकरार होने की वजह से अभिभावकों व बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा। टेढ़ी बाजार से लता चौक तक रामपथ पर बैरीकेडिंग अभी हटाई नहीं गई है। टेढ़ीबाजार से चार पहिया वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहा। बच्चों को स्कूल छोड़ने फिर वापस लाने में अभिभावकों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। स्कूल ड्रेस में होने व आईडी दिखाने के बाद भी कई बैरियर पर सुरक्षाकर्मी अभिभावकों को रोकते रहे। स्कूली वाहन भी रामपथ पर नहीं चल पा रहे हैं, जिससे बच्चों को स्कूल पहुंचने में दिक्कत हो रही है।

सीमा आचारी ने बताया कि उनके बच्चे जिंगलबेल स्कूल में पढ़ते हैं। बृहस्पतिवार को घर से स्कूल छोड़ने के लिए निकले तो हनुमानगढ़ी तिराहे से ही आगे बढ़ने में परेशानी हुई। टेढ़ीबाजार से लौटते समय प्रवेश नहीं मिला, यलोजोन का पास होने के बावजूद नहीं जाने दिया गया। आने-जाने की जहमत से बचने के लिए फैजाबाद में ही चार घंटे गुजारे।

अश्वनी गुप्ता ने बताया कि बंदिशों के चलते टेढ़ीबाजार से लता चौक तक स्कूली वाहन भी नहीं आ-जा पा रहे हैं। ऐसे में स्कूल खोलने का क्या फायदा। प्रशासन को स्कूल तब तक बंद रखना चाहिए जब तक बंदिशों से राहत नहीं दी जाती। बाबू चंद ने कहा कि जगह-जगह बैरीकेडिंग लगाकर जेल बना दिया गया है। स्कूल तक बच्चों को पहुंचाने में अभिभावकों को जगह-जगह सुरक्षाकर्मियों से नाेंक-झोक करनी पड़ रही है।

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