अयोध्या: गद्दीनशीनों के शाही दर्शन आज, हनुमानगढ़ी से निकलेगी भव्य शोभायात्रा

अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास शाही अंदाज में रामलला के दर्शन करेंगे। हनुमानगढ़ी से सुबह सात बजे हाथी, घोड़े, ऊंट, हनुमानगढ़ी के निशान, बैंड बाजा के साथ भव्य शोभायात्रा निकलेगी। शोभायात्रा में एक रथ पर गद्दीनशीन महंत विराजमान होंगे। शोभायात्रा सरयू तट पर पूजन-अर्चन के बाद रामलला के दर्शन के लिए आगे बढ़ेगी। सरयू तट पर पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी।

यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था का वह अटूट संबंध है, जो त्रेतायुग से अब तक जीवित है। हनुमान जी जिन्हें श्रीराम ने अपना परमप्रिय कहा और अयोध्या की रक्षा का दायित्व सौंपा। तब से लेकर आज तक हनुमानगढ़ी की परंपरा रामलला के साथ एक सजीव सूत्र में बंधी रही है। यह वही गद्दी है जो अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम की सेवा, रक्षा और स्मृति की जीवंत प्रतिमूर्ति बनी रही। यह द़ृश्य भावविभोर कर देने वाला होगा, जब हनुमान जी के प्रतिनिधि के रूप में गद्दीनशीन अपने आराध्य के सम्मुख नतमस्तक होंगे। गद्दीनशीन के शिष्य महंत मामा दास ने बताया कि सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शोभायात्रा में एक हजार से अधिक नागा-साधु शामिल होंगे। 40 से अधिक स्थानों पर शोभायात्रा का स्वागत होगा। हेलीकाॅप्टर से पुष्पवर्षा होगी।

शोभायात्रा में हनुमानगढ़ी के नागा साधु करतब भी दिखाएंगे। सरयू तट व क्षीरेश्वरनाथ महादेव मंदिर में हनुमानगढ़ी के निशान के पूजन के बाद रामलला के दर्शन करेंगे। नगर विधायक वेदप्रकाश गुप्त ने हनुमानगढ़ी अखाड़े के संतों से मुलाकात कर उत्सव की तैयारी जानी। कहा कि जनसमूह की सहभागिता ऐतिहासिक दृश्य प्रस्तुत करेगी। यह आयोजन अयोध्या की धार्मिक परंपराओं को नई ऊंचाई देगा।

अक्षय तृतीया पर मंदिरों में होगा अनुष्ठान
अक्षय तृतीया के पुनीत पर्व पर रामनगरी के सैकड़ों मंदिरों में अनुष्ठान होगा। राम मंदिर, हनुमानगढ़ी समेत अन्य मंदिरों में विभिन्न अनुष्ठान होंगे। राम मंदिर में रामलला को 56 भोग अर्पित किया जाएगा। इसी तरह दशरथ महल, मणिरामदास की छावनी, श्रीरामबल्लभाकुंज, लक्ष्मण किला, सियाराम किला, जानकी घाट बड़ास्थान, बड़ा भक्तमाल समेत अन्य मंदिरों में अनुष्ठान होंगे। श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए मठ-मंदिरों में उमड़ेंगे।

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