समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खां ने सीतापुर जिला कारागार की गिरदा बैरक में 23 महीने की कैद पूरी की। जेल सूत्रों के अनुसार, इस दौरान उनका आचरण अनुशासनपूर्ण और बेहद सरल रहा। वह हर दिन सुबह चार बजे उठकर अपनी दिनचर्या का पालन करते थे। विशेष सुविधाओं की कोई मांग उन्होंने कभी नहीं की और पूरी अवधि में जेल नियमों का पालन किया।
जेलकर्मियों का कहना है कि आजम खां का व्यवहार हमेशा शांत और संयमित रहा। सोमवार को जब जेल अधीक्षक डॉ. एस. के. सिंह ने उन्हें रिहाई की सूचना दी, तब भी उनके चेहरे पर गंभीरता बनी रही। कारागार छोड़ते समय उन्होंने कर्मचारियों से मिलकर आभार प्रकट किया।
डॉ. सिंह ने बताया कि वह जून 2021 में सीतापुर जेल में तैनात हुए थे, तब पता चला कि आजम खां फरवरी 2020 से जेल में हैं। मई 2022 में उन्हें पहली बार रिहाई मिली थी। अक्टूबर 2023 में दोबारा जेल आने पर उन्हें सुरक्षा कारणों से गिरदा बैरक में रखा गया। इस दौरान वे धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन कर समय बिताते रहे और कभी किसी वीआईपी सुविधा की मांग नहीं की।
यही बैरक 2017 में विधायक मुख्तार अंसारी के ठहरने के लिए भी इस्तेमाल की गई थी, जब उन्हें विधानसभा सत्र के दौरान एक रात के लिए यहां रखा गया था।
आजम खां की रिहाई की प्रक्रिया सोमवार देर शाम तक पूरी हुई। उनके खिलाफ लंबित मामलों से जुड़े सभी 71 परवाने शाम पांच बजकर 31 मिनट तक जेल प्रशासन को प्राप्त हो गए थे। इसके बाद मंगलवार सुबह रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में जुर्माना भरने के पश्चात ई-प्रिजन पोर्टल से रिहाई आदेश कारागार को भेजा गया। रिकॉर्ड के मुताबिक उन्हें दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर जेल से मुक्त किया गया।