बलिया: रेलवे स्टेशन पर चाकू मारकर पूर्व प्रधान के बेटे की हत्या, एक गंभीर

बलिया चिलकहर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर शुक्रवार दोपहर पुरानी रंजिश को लेकर गांव के युवकों में चाकूबाजी हो गई। इसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। प्राथमिक स्वास्थ्य कें एक को मृत घोषित कर दिया गया। दूसरे को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। वहां से चिकित्सकों ने गंभीर स्थिति को देखते हुए वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। परिजनों और ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। इससे चार घंटे तक आवागमन बाधित रहा। पुलिस ने जबरदस्ती शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। मौत को लेकर गांव में तनाव है। पुलिस फोर्स तैनात है।

चाकूबाजी में चिलकहर निवासी सुदीप कुमार उर्फ लड्डू (32) की मौत हुई है। विकास (22) पुत्र राजेंद्र को वाराणसी रेफर किया गया है। आक्रोशित लोगों ने चिलकहर चट्टी पर शव को रखकर बलिया-रसड़ा मार्ग को जाम कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। करीब चार घंटे तक आवागमन पूरी तरह से बाधित रहा।

सूचना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक एस आनंद सहित, एएसपी डीपी तिवारी के साथ आधा दर्जन से अधिक थानों की फोर्स पहुंच गई। पुलिस ने कई बार शव को उठाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। बाद में पुलिस ने जबरदस्ती उठाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एसडीएम रसड़ा सदानंद सरोज ने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री से परिवार को आठ लाख रुपये तथा मृतक की पत्नी को संविदा पर नौकरी दिलाई जाएगी। इसके बाद लोग शांत हुए।

मृतक के चाचा तेज बहादुर उर्फ भोलाराम की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत किया है। रवि सिंह पुत्र प्रदीप सिंह, अभिषेक सिंह, धीरज सिंह, नीरज सिंह, बबी सिंह, आयुष, रेंचो, भूली सिंह, रोहित सिंह, उत्सव सिंह, समर्थ सिंह, अभिनव सिंह, रोहित पटेल को नामजद किया गया है। धरना समाप्त होने के बाद पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने घटनास्थल चिलकहर रेलवे स्टेशन पर जाकर घटना के बारे में जानकारी ली। घटना प्लेटफार्म नंबर एक पर हुई थी। हत्यारोपियों की गिरफ्तारी करने का आश्वासन दिया।

परिजनों का आरोप, पुलिस की ढिलाई ने करा दी हत्या

 चक्काजाम कर रहे परिजनों का आक्रोश पुलिस पर जमकर फूटा। परिजनों के साथ ही ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले में थोड़ी सी गंभीरता दिखाई होती तो सुदीप की जान नहीं जाती। घटना के दिन भी एक दरोगा को फोन कर विवाद की जानकारी देने की बात कही गई। पुलिस को आक्रोशित ग्रामीणों का कोपभाजन भी बनना पड़ा।

परिजनों के अनुसार पहले भी आरोपियों से उनका तीन बार विवाद हो चुका था। हर बार पुलिस मामले में समझौता कराकर ठंडे बस्ती में डाल देती थी।चार दिन पहले फिर मारपीट हुई थी, लेकिन पुलिस ने मामले में समझौता करा दिया। परिजन बार-बार यह कह रहे थे कि जब हम लोग थाने पर तहरीर लेकर जाते तो पुलिस गाली देकर भगा देती थी। थानाध्यक्ष पर कार्रवाई को लेकर लोगों में काफी आक्रोश दिखा। गांव में काफी तनाव है। चिलकहर रेलवे स्टेशन पर यदि जीआरपी पुलिस रहती तो शायद घटना नहीं हुई होती। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि स्टेशन पर कोई भी सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं था। करीब आधे घंटे तक विवाद होता रहा। सुदीप की पत्नी का रो-रोकर हाल-बेहाल रहा। एक पुत्र व एक पुत्री है।

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