बलिया जिले के रामपुर दिघार निवासी सीआरपीएफ जवान की असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा चेक गेट पर ड्यूटी के दौरान बुधवार की शाम चाकू मारकर हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार देर रात पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। गांव निवासी सुनील कुमार पांडेय (38) पुत्र रामनाथ पांडेय 2007 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे।
वर्ष 2020 में उनकी पोस्टिंग अरुणाचल में हुई। परिजनों के अनुसार, उनकी ड्यूटी सीआरपीएफ के इंटेलिजेंस विभाग में थी। बुधवार की शाम अन्य साथी जवानों के साथ वह असम-अरुणाचल सीमा के पास तिनसुकिया के माधापुर बाजार के पास बोर्डुम्सा में बाइक सवार संदिग्धों से पूछताछ कर रहे थे।
सुनील के कंधों पर थी परिवार की सारी जिम्मेदारी
इसी बीच, बदमाशों ने चाकू से सुनील पर ताबड़तोड़ हमला कर घायल कर दिया और उनकी पिस्टल लूटकर अरुणाचल प्रदेश के नामसाईं की ओर भाग गए। एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान सुनील ने दम तोड़ दिया। दो भाइयों में छोटे सुनील के कंधों पर परिवार की सारी जिम्मेदारी थी। शहीद जवान के दो मासूम बेटे सत्यम (12) व अनमोल (9) हैं। पत्नी अर्चना का रो-रोकर बेहाल है।
तीन दिन पहले छुट्टी से लौटे थे सुनील
सीआरपीएफ जवान सुनील कुमार पांडे तीन सितंबर को ही अपनी 15 दिन की छुट्टी खत्मकर गांव से गए थे। ग्रामीण राजेश कुमार पांडे ने बताया कि सुनील काफी मृदभाषी व मिलनसार स्वभाव के थे। वो अपनी छुट्टी को 15 दिन और आगे बढ़ाने के लिए बार-बार अधिकारियों को फोन से सूचित कर रहा थे, लेकिन छुट्टी नहीं मिल पाई तो वह पुनः अपनी ड्यूटी पर चले गए।सुनील की हत्या से घर से लेकर गांव तक कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। बेटे के मौत की खबर से वृद्ध पिता रामनाथ पांडे बेसुध जैसे हो गए हैं। मां विद्यावती देवी का भी रो-रोकर बुरा हाल था।