जंगली जानवरों व सियार के हमलों में लोगों के घायल होने के बीच हैदरगढ़ वन रेंज के एक जंगल में चार सियार के शव मिलने से हड़कंप मच गया। सूचना मिलने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे। सियारों की मौत कैसे हुई। जंगल में और सियार तो मृत नहीं हुए यह रहस्य बना हुआ है। शाम को डीएफओ के निर्देश पर टीम रवाना हुई।
हैदरगढ़ वन रेंज में सुबेहा थाना क्षेत्र के पंडित पुरवा मजरे थलवारा गांव के निकट रविवार दोपहर जंगल में कुछ ग्रामीण मवेशी लेकर गए थे। चरवाहों ने देखा कि जंगल के अंदर कुछ ही दूरी के अंतराल पर चार सियार मृत पड़े थे। शव सड़ रहे थे जिससे भीषण बदबू आ रही थी। लोगाें ने और शव होने की आशंका जताई मगर आगे नहीं गए।
किसान यूनियन (कमेरा) के तहसील अध्यक्ष महेश यादव बताया कि उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को दी लेकिन शाम तक कोई भी जांच करने मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि मृत पड़े सियारों का शरीर सड़ चुका है और दुर्गंध फैल रही है। ग्रामीणों भी इसे लेकर अनभिज्ञता जता रहे हैं। शाम को इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारी राकेश तिवारी ने बताया उन्हे कोई जानकारी नहीं है। वहीं, लोगाें ने बताया कि जंगल के पास ही मुर्गीफार्म भी हैं।
10 दिन में मारे जा चुके हैं चार सियार
मोहम्मदपुर खाला, जैदपुर व घुंघटेर थाना क्षेत्रों में बीते 10 दिन में सियार के हमलों में आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके है। ग्रामीणो इन क्षेत्रों में अब तक चार सियार मार चुके है। लेकिन सुबेहा इलाके में एक साथ चार सियारों के जंगल में मृत मिलने का मामला किसी के गले से उतर नहीं रहा है।
थलवारा के जंगल में सियारों की मौत के मामले की जांच कराई जा रही है। टीम को मौके पर भेजा गया है। पोस्टमार्टम से मौत के कारणों का पता लग सकता है। – आकाशदीप बधावन, डीएफओ