बरेली स्थित दरगाह आला हजरत के जामिया रजविया मंजरी इस्लाम में शुक्रवार को उलमा और मुफ्ती-ए-इकराम की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने मुस्लिम युवाओं के लिए एक संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम नौजवान सोशल मीडिया पर पाकिस्तान से जुड़ी कोई भी सामग्री या पोस्ट साझा न करें।
सोशल मीडिया पर सावधानी बरतने की सलाह
दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि हालिया समय में भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। ऐसे में दुश्मन देश की हिमायत करना या उसकी पोस्ट शेयर करना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। कई संगीन कानूनी धाराओं के तहत ऐसे मामलों में कार्रवाई होती है। इसलिए मुस्लिम युवाओं से अपील है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करें।
मुल्क से वफादारी हमारी जिम्मेदारी
मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी ने कहा कि देश से मोहब्बत और वफादारी हमारी धार्मिक और संवैधानिक जिम्मेदारी है। उन्होंने आगाह किया कि इस समय कुछ पाकिस्तानी मौलवी सोशल मीडिया के जरिए मुस्लिम युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। ये मौलवी ऐसी बातों का प्रचार कर रहे हैं जो आला हजरत और अन्य बुजुर्गों के फतवों के खिलाफ हैं। उन्होंने नौजवानों से अपील की कि पाकिस्तानी मौलवियों की पोस्ट, वीडियो और अन्य सामग्री से बचें।
अज्ञानता में न फंसें
मुफ्ती जमील खान ने कहा कि कई बार कम पढ़े-लिखे या अनपढ़ नौजवान इस्लामी नाम या धार्मिक थंबनेल देखकर धोखा खा जाते हैं और पोस्ट को शेयर कर देते हैं। मौलाना अख्तर ने कहा कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल नासमझ युवाओं के लिए खतरनाक है, जैसे किसी बच्चे के हाथ में हथियार देना। उन्होंने युवाओं से सतर्क रहने और सही जानकारी प्राप्त करने की अपील की।