बरेली के बिहारीपुर मोहल्ले की बहू इरम का बुधवार को हिंदुस्तान से नाता टूट गया। सूत्रों के मुताबिक, वह अटारी बॉर्डर पार कर पाकिस्तान में दाखिल हो गईं। उनका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ हो गया है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन को इसकी रिपोर्ट एक-दो दिन में मिल जाएगी।
बिहारीपुर में ब्याही बुआ के संपर्क की वजह से पाकिस्तान के लाहौर की निस्तार कॉलोनी निवासी इरम 17 साल पहले बिहारीपुर निवासी मोहम्मद अथर के घर बहू बनकर आई थीं। उनके पिता मजाहिल हुसैन लाहौर में डॉक्टर हैं। मंगलवार को इरम ने स्थानीय स्तर पर कागजी औपचारिकताएं पूरी कराई थी। फिर वह अपने 15 साल के बेटे शाहेनूर और सात साल की बेटी आयजा को रोते हुए छोड़ गईं। अब ये दोनों अपने पिता के साथ ही रहेंगे।
इरम चाहती थीं कि वह बेटी को साथ ले जाएं, पर बच्चों की नागरिकता भारतीय होने के कारण कानूनी तौर पर यह संभव नहीं हो सका। इरम के पास लॉन्ग टर्म वीजा था। सरकार के नए फरमान के हिसाब से वह चाहती तो भी कुछ और समय यहां रह सकती थी पर वह काफी समय से अपने वतन वापसी की तैयारी कर रही थी। मंगलवार दोपहर बाद इरम शहर से निकल गई थीं। सूत्रों के मुताबिक वह बुधवार को अटारी बॉर्डर से होकर पाकिस्तान में दाखिल हो गईं।
शौहर के खिलाफ दर्ज कराई थी रिपोर्ट
आठ अप्रैल 2008 को इरम का निकाह बरेली के मोहम्मद अथर से हुआ था। इरम की शादी के करीब 15 साल तक सब ठीक चला। इरम के मुताबिक 11 जून 2024 को शौहर ने उसे रातभर पीटा और तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया। चूंकि भारत में तब तीन तलाक पर नया कानून आ गया था तो इरम ने 18 जून 2024 को कोतवाली में पति मोहम्मद अथर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस के प्रयास से उसी मकान में इरम को एक कमरा मिल गया।
भारत छोड़ने का सितंबर में कर लिया फैसला
इरम के मुताबिक ससुरालवालों के रवैये को देखकर उसने सितंबर 2024 में ही भारत छोड़ने का फैसला कर लिया। चूंकि वह मुकदमा चलने के दौरान देश नहीं छोड़ सकती थी तो उसने पुलिस को मुकदमा वापस लेने का पत्र दिया।
कोतवाली पुलिस ने 13 सितंबर 2024 को फाइनल रिपोर्ट लगा दी। यह एफआर कोर्ट में पहुंच गई। वहां से इरम को भी नोटिस आया। उसने जवाब न दिया तो दस दिन पहले केस पूरी तरह खत्म हो गया। इसी दौरान पाकिस्तानियों को देश छोड़ने का फरमान आ गया।