बरहन कांड: चीख उठा पिता, कहा- पुलिस ने छीन लिया बुढ़ापे का सहारा

उत्तर प्रदेश के आगरा में होमगार्ड और उसके भाई ने पुलिस की प्रताड़ना से तंग आकर सुसाइड कर लिया। घटना के बाद परिजन बिलखते हुए बोले मेरे बेटों ने किसी का क्या बिगाड़ा था। उन्होंने कभी कुछ गलत नहीं किया। बेटे ही पिता का सहारा होते हैं। वह भी पुलिस ने छीन लिया। यह दर्द है कि प्रमोद और संजय के वृद्ध पिता सुनहरी सिंह का। परिवार के लोग उन्हें सांत्वना दे रहे हैं। मगर, वो हर किसी से एक ही सवाल कर रहे हैं कि पुलिस ने बुढ़ापे का सहारा क्यों छीन लि

बरहन के गांव रूपधनु निवासी सुनहरी सिंह के दो बेटों की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। पहले संजय ने जान दी। कार्रवाई न होने से आहत होकर बड़े भाई प्रमोद ने भी सोमवार को फांसी लगा ली थी। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने सोमवार को प्रदर्शन किया था। पुलिस पर पथराव तक कर दिया था। पुलिस अधिकारियों के समझाने पर माने थे।

मृतक के परिवार के लोगों का कहना है कि यदि बरहन पुलिस संजय के आत्महत्या करने पर ही दरोगा के खिलाफ एफआईआई दर्ज कर लेती तो प्रमोद को आत्महत्या नहीं करनी पड़ती। मंगलवार दोपहर में शव पहुंचने पर परिवार के साथ सैकड़ों ग्रामीण जुटे हुए थे। उन्होंने शव को खेत में रख दिया। छोटे भाई सोमेश ने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक शव का दाहसंस्कार नहीं करेंगे। उनके परिवार को न्याय नहीं मिला तो बाकी भाई भी जान देने को तैयार हैं।

ये भी पहुंचे

केंद्रीय राज्य मंत्री के आने से पहले एसडीएम एत्मादपुर और होमगार्ड कमांडेंट वीके झा सहित पुलिस प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए थे। उन्होंने ग्राम प्रधान नीरज से बात कर ग्राम पंचायत में मौजूद एक बीघा खेत के पट्टे का प्रस्ताव रखा। जिस पर एसडीएम एत्मादपुर ने सहमति दे दी।

नहीं जले चूल्हे, छावनी बना रहा रूपधनु

गांव रूपधनु में तीन दिन में दो भाइयों की मौत की घटना से ग्रामीणों में आक्रोश है। सादाबाद पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगा है। आगरा पुलिस ने भी कार्रवाई में ढिलाई दिखाई। ग्रामीणों का कहना है कि पहली बार ही पुलिस सुन लेती तो दूसरी घटना नहीं होती। गांव में सोमवार और मंगलवार को चूल्हे नहीं जले। बवाल की आशंका पर पुलिस के साथ पीएसी भी तैनात रही। गांव के रास्तों पर बैरियर लगाए गए थे।

होमगार्ड विभाग ने दी 5 लाख की सहायता राशि

मृतक संजय व प्रमोद के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये सरकार की ओर से आर्थिक सहायता के रूप में दिए गए। प्रमोद के परिजन को होमगार्ड विभाग की ओर से भी 5 लाख रुपये दिए गए। एक आश्रित को नौकरी देने की बात कही। सरकार की ओर से ग्राम पंचायत में दोनों भाइयों को पांच बीघा जमीन आवंटन करने की बात भी इस दौरान कही गई।

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