यूपी में बिजलीकर्मियों की हड़ताल से पहले सरकार सख्त, व्यवस्था बिगाड़ी तो जाएगी नौकरी

9 जुलाई को बिजली कर्मचारियों द्वारा घोषित प्रतीकात्मक हड़ताल के मद्देनजर उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गोयल ने सख्त रुख अख्तियार किया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर किसी भी कर्मचारी ने बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न की, तो उसके खिलाफ बर्खास्तगी जैसी कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, यदि किसी मुख्य अभियंता के कार्यक्षेत्र में आंदोलन के चलते आपूर्ति प्रभावित होती है, तो उसे भी उत्तरदायी ठहराया जाएगा।

डॉ. गोयल ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन से किसी को ऐतराज़ नहीं है, लेकिन आवश्यक सेवाओं में व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जानबूझकर किसी प्रकार की ब्रेकडाउन गतिविधि में शामिल कर्मचारियों को सेवा से हटाने की कार्यवाही की जाएगी। वहीं, जो कर्मचारी धरना देंगे या ड्यूटी से अनुपस्थित रहेंगे, उनके लिए ‘नो वर्क, नो पे’ नीति लागू की जाएगी।

कांवड़ यात्रा के मार्गों पर चौकसी के निर्देश

कांवड़ यात्रा को लेकर संवेदनशीलता बरतते हुए पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष ने सभी वितरण निगमों के प्रबंध निदेशकों के साथ समीक्षा बैठक कर दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों पर 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और संबंधित क्षेत्रों में विद्युतकर्मियों की सतत उपस्थिति रहे।

अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि ऊंचे डीजे या झांकियों के कारण यदि बिजली लाइन या खंभों पर कोई खतरा हो, तो तत्काल कार्रवाई की जाए और जिला प्रशासन को सूचित किया जाए। सभी खंभों और तारों की जांच कर उन्हें सुरक्षित रूप से दुरुस्त करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्रों का निरीक्षण स्वयं करें।

बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य

सभी मुख्य अभियंताओं को भेजे गए निर्देश में जुलाई माह से 100 प्रतिशत बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की गई है। जहां इसका अनुपालन नहीं होगा, वहां के मुख्य अभियंता को उत्तरदायी माना जाएगा। साथ ही, संभावित आंदोलन के मद्देनज़र सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित कर वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है।

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