इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूट्यूबर एल्विश यादव को बड़ा झटका देते हुए उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे में चार्जशीट और समन आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। अब एल्विश यादव को रेव पार्टी में ड्रग्स और सांप के जहर का नशा कराने के आरोप में दर्ज मुकदमे का सामना करना होगा।
क्या है मामला
गौतम बुद्ध नगर के नोएडा थाना सेक्टर-49 में एल्विश यादव के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज है। आरोप है कि उन्होंने यूट्यूब वीडियो बनाने के लिए सांपों और सांप के जहर का दुरुपयोग किया और रेव पार्टियों का आयोजन कर विदेशियों को बुलाया, जहां सांप के जहर और नशीले पदार्थों का सेवन कराया गया।
कोर्ट में क्या हुई दलीलें
एल्विश यादव के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि शिकायतकर्ता वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराने के लिए अधिकृत नहीं था। साथ ही, एल्विश के पास से कोई सांप या ड्रग्स बरामद नहीं हुआ है। वहीं, सरकारी वकील ने तर्क दिया कि जांच में पता चला कि एल्विश ने उन लोगों तक सांप पहुंचाया, जिनसे बरामदगी हुई थी।
हाईकोर्ट का फैसला
न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एल्विश यादव की याचिका खारिज कर दी। अब उन्हें केस का सामना करना होगा।
एल्विश का पक्ष
एल्विश यादव का कहना है कि पुलिस आरोपों को साबित करने में विफल रही है। उनका दावा है कि वे एक प्रभावशाली शख्सियत हैं और मीडिया रिपोर्टों के आधार पर पुलिस ने जल्दबाजी में कार्रवाई की। एल्विश का यह भी आरोप है कि एफआईआर दर्ज कराने वाला व्यक्ति पशु कल्याण अधिकारी नहीं है, लेकिन उसने खुद को ऐसा बताकर शिकायत दर्ज कराई।
आगे की कार्रवाई
अब एल्विश यादव को रेव पार्टी में ड्रग्स और सांप के जहर का सेवन कराने के आरोपों का कानूनी रूप से सामना करना होगा। पुलिस ने उनके खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, आईपीसी और एनडीपीएस अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल की है।