नहटौर के गांव नरगदी गंधू के ग्रामीण करीब 30 माह से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं। अब तक इस गांव में 18 लोगों की मौत कैंसर से हो चुकी है। मामला राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण तक पहुंच गया है। एनजीटी के निर्देश पर डीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इसी क्रम में रविवार को डीपीआरओ के नेतृत्व में गठित टीम ने गांव पहुंचकर जांच की।
गांव नरगदी गंधू के ग्रामीणों के अनुसार गांव में करीब ढाई वर्षों में कैंसर से 18 लोगों की मौतें हुई हैं। इसका कारण वे गांव के पास स्थित तालाब के दूषित पानी को मान रहे हैं। इसमें मत्स्य पालन भी हो रहा है। इसकी शिकायत ग्राम प्रधान आबिद अंसारी सहित ग्रामीणों ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में की।
जांच के लिए जिलाधिकारी की ओर से डीपीआरओ रिजवान अहमद के नेतृत्व में टीम गठित की गई। रविवार को गांव पहुंची टीम ने ग्रामीणों से वार्ता कर जानकारी ली। इस दौरान ग्रामीणों ने उनसे तालाब के पानी की जांच कराने की मांग की। टीम में नायब तहसीलदार विवेक तिवारी, खंड विकास अधिकारी प्रताप सिंह शामिल रहे। प्रताप सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच की गई है। जल निगम से तालाब के पानी की जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम प्रधान खुद कैंसर से पीड़ित
गांव के प्रधान आबिद अंसारी खुद कैंसर से पीड़ित हैं। उन्होंने कैंसर का ऑपरेशन भी कराया है। अभी भी उनका रुटीन चेकअप चल रहा है। उन्होंने बताया कि दूषित पेयजल की वजह से गांव में कैंसर की बीमारी फैल रही है। इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में शिकायत की थी।
दो परिवारों के तीन-तीन लोगों ने गंवाई जान
गांव में अब तक 18 लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है। इनमें से एक ही परिवार के तीन-तीन लोगों की मौतें भी शामिल हैं। एक परिवार के इसरार, सत्तार व मुख्तार पुत्रगण यासीन तथा दूसरे परिवार के करन सिंह पुत्र रामसिंह, उनकी पत्नी शकुंतला देवी, भाई लोटन सिंह की कैंसर से मौत हुई। इनके अलावा हरिराज पुत्र गियासन, तेजपाल पुत्र कल्लू सिंह, सुरेंद्र त्यागी पुत्र देवेंद्र त्यागी, बशीरुद्दीन पुत्र निजामुद्दीन, असलम पुत्र इस्माईल, निपेन्द्र पुत्र लल्लू सिंह, महावीर शर्मा पुत्र हरफूल शर्मा, नरेश कुमार पुत्र हरस्वरूप सिंह, मेहर सिंह पुत्र सुक्खन सिंह, महेंद्र शर्मा पुत्र हरि शर्मा, शादीराम शर्मा तथा सतवीर सिंह भी कैंसर के कारण समय से पूर्व काल के गाल में समा गए।