मोहित पेट्रो केमिकल फैक्ट्री में अमोनिया गैस रिसाव, 40 कर्मचारी बाल-बाल बचे

बिजनौर के नगीना रोड स्थित मोहित पेट्रो केमिकल फैक्ट्री में बुधवार दोपहर अचानक अमोनिया गैस का रिसाव होने से हड़कंप मच गया। फैक्ट्री में कार्यरत मजदूर जान बचाकर बाहर भागे। घटना की जानकारी मिलने पर दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तत्परता से कार्रवाई करते हुए गैस का रिसाव रोकने में सफलता पाई।

जानकारी के मुताबिक, दोपहर लगभग तीन बजे टैंक से अमोनिया गैस लीक होना शुरू हुई। कुछ ही देर में गैस का दबाव बढ़ गया और रिसाव तेज हो गया। प्रारंभ में फैक्ट्री कर्मियों ने इसे रोकने की कोशिश की, लेकिन जब स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिखी तो करीब 3:15 बजे फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई।

दमकल विभाग की त्वरित कार्रवाई से रोका गया रिसाव

मुख्य अग्निशमन अधिकारी अजय कुमार शर्मा के नेतृत्व में रेस्क्यू यूनिट मौके पर पहुंची। टीम ने फायर इंजन की सहायता से टैंक पर पानी का छिड़काव शुरू किया, जिससे गैस को फैलने से रोका जा सके। बाद में विशेषज्ञ कर्मचारियों ने अमोनिया टैंक का मुख्य वाल्व बंद कर स्थिति को नियंत्रित किया। राहत की बात यह रही कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई और सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

सुरक्षा उपकरणों की कमी पर उठे सवाल

मुख्य अग्निशमन अधिकारी के अनुसार, फैक्ट्री में पानी की आपूर्ति के लिए हाइड्रेंट सिस्टम तो मौजूद था, लेकिन गैस रिसाव जैसी आपात स्थिति में आवश्यक ब्रीदिंग एपरेटस सेट नहीं पाया गया। यह उपकरण गैस रिसाव के समय श्वास लेने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है। यदि दमकल विभाग समय पर नहीं पहुंचता, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।

दमकल कर्मियों ने जोखिम उठाकर किया वाल्व बंद

गैस रिसाव के दौरान दमकल विभाग के पांच कर्मचारी श्वसन उपकरण और सुरक्षात्मक पोशाक पहनकर फैक्ट्री के भीतर गए। उन्होंने लगातार पानी का छिड़काव करते हुए अमोनिया के मुख्य वाल्व को बंद किया, जिससे रिसाव पर काबू पाया जा सका।

40 मजदूर थे फैक्ट्री में मौजूद

घटना के समय फैक्ट्री में करीब 30 से 40 मजदूर काम कर रहे थे। सौभाग्यवश सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया। अमोनिया गैस के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी तीव्र मात्रा से आंखों, त्वचा और सांस लेने की प्रणाली को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।

अधिकारियों का क्या कहना है

मुख्य अग्निशमन अधिकारी अजय कुमार शर्मा ने बताया कि फैक्ट्री में ब्रीदिंग सेट जैसे जरूरी सुरक्षा संसाधन नहीं थे। यदि कर्मचारी समय रहते टैंक से दूर न जाते और दमकल टीम समय पर न पहुंचती, तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। उन्होंने फैक्ट्री प्रबंधन को सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने की सिफारिश की है।

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