पिछले दो दिनों से पहाड़ और मैदानी क्षेत्रों में मूसलधार बारिश का सिलसिला जारी है, जिससे नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बिजनौर में गंगा नदी खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह सतर्क है। कई गांवों का बाहरी इलाकों से संपर्क टूट गया है।
लगातार बारिश के कारण जिले में अलग-अलग स्थानों पर आठ मकान धराशायी हो गए, जिसमें मलबे के नीचे दबकर तीन वर्षीय बच्ची की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य लोग घायल हुए हैं। हरिद्वार-नजीबाबाद मार्ग जलभराव के कारण बंद हो गया है और रावली में लोग नाव के सहारे आना-जाना कर रहे हैं।
मंगलवार को जिले में 155.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जबकि सोमवार को 134 मिमी बारिश हुई थी। मंगलवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर बिजनौर बैराज पर 219.70 मीटर था, जो शाम चार बजे बढ़कर 220.20 मीटर पहुंच गया। बैराज पर 2.33 लाख क्यूसेक से अधिक पानी बहने के कारण अधिकारियों द्वारा हर घंटे स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है।
मालन नदी के उफान से लोग छतों पर पहुंचे
मालन नदी में जलस्तर बढ़ने से नजीबाबाद के खैरुल्लापुर और कछियाना बस्ती में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। घरों में पानी घुसने के कारण लोग छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं। वहीं, कोटावली, लकड़हान और गंगा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है।
नजीबाबाद के टीला मंदिर, अजमल खां रोड, मकबरा और मुग़लूशाह इलाकों में भारी जलभराव है। आकाशवाणी केंद्र परिसर में भी पानी भर गया है। बड़िया क्षेत्र में मालन नदी के तेज बहाव से कार सेवा पुल की एप्रोच को नुकसान पहुंचा है।
सड़क संपर्क और यातायात बाधित
जलालाबाद क्षेत्र में मेरठ-पौड़ी हाईवे पर दो दिन से भारी जलभराव के कारण यातायात ठप है। ढाई फीट पानी होने से दोपहिया वाहन चालकों को सड़क पार करने के लिए वाहन खींचकर ले जाना पड़ रहा है। प्रीतमगढ़ का संपर्क मार्ग कठियारी नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण टूट गया है, जिससे ग्रामीणों का बाहर आना-जाना बंद हो गया है।
मालन नदी के उफान की वजह से शेखूपुरा आलम और लाहक कला मार्ग भी बंद हो गया है, जिससे आसपास के गांवों का संपर्क प्रभावित हुआ है। बास्टा क्षेत्र में नंगला और महबुल्लाहपुर ढाकी मार्ग पर भी जलभराव से लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
गंगा का पानी गांवों के करीब, फसलें डूबीं
रायपुर खादर क्षेत्र में गंगा का पानी खेतों के रास्ते गांव की आबादी के नजदीक तक पहुंच गया है। मीरापुर सीकरी और रायपुर खादर के किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। ग्रामीणों में बाढ़ को लेकर भय का माहौल है।
खो नदी में बहे सुरक्षा स्टड, खतरे की ओर बढ़ा पानी
रामगंगा, खो और इकड़ा नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। एडीएम विनय कुमार और एसडीएम रीतू रानी ने टीम के साथ बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की। कोपा गांव की सुरक्षा के लिए खो नदी पर लगाए गए स्टड पानी की तेज धार में बह गए हैं, जिससे पानी का रुख अब तेजी से कोपा गांव की ओर बढ़ रहा है।