उत्तर प्रदेश में हाल ही में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी की सरकार बनने के बाद अब चित्रकूट में पार्टी के पदाधिकारियों एवं विभाग के संयोजकों के लिए तीन दिवसीय बैठक का आयोजन किया जा रहा है। यह बैठक 29 से लेकर 31 जुलाई तक होगी। सूत्रों की माने तो इस बैठक में प्रदेश के पदाधिकारियों के अलावा सरकार के कैबिनेट मंत्रियों को बुलाया गया है लेकिन इसमें राज्य मंत्रियों के लिए NO Entry का बोर्ड ही लगा रहेगा। यह तब और खास हो जाता है जब हाल ही में कैबिनेट और राज्य मंत्रियों के बीच काफी खींचतान देखने को मिली थी।
दरअसल बीजेपी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग चित्रकूट में 29 से 31 जुलाई तक होना है। इस बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शामिल होंगे। इसके अलावा पार्टी की तरफ से मेन बॉडी के पदाधिकारियों, क्षेत्रिय अध्यक्षों और जिलाध्यक्षों के साथ ही विभाग के संयोजकों को भी बुलाया गया है। इसमें सरकार के कैबिनेट मंत्री भी शामिल होंगे। लेकिन दिलचस्प ये है कि इसमें प्रदेश सरकार के राज्य मंत्रियों को नहीं बुलाया गया है।
इस तीन दिवसीय बैठक में राज्य मंत्रियों को नहीं बुलाया गया है। सूत्रों की माने तो जलशक्ति विभाग के राज्य मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफा प्रकरण के बाद आयोजित की जा रही है। ये कई मायने में इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसमें कैबिनेट मंत्रियों और राज्यमंत्रियों के बीच आपसी समन्वय को लेकर भी चर्चा की जाएगी। जिस तरह से जलशक्ति विभाग में एक कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री का अंदरूनी मतभेद सामने आया उससे पार्टी की काफी फजीहत हुई। भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों इसके लिए भी यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि चित्रकूट में 29 जुलाई से 31 जुलाई तक बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रदेश के पदाधिकारियों के साथ ही जिलाध्यक्षों और क्षेत्रिय अध्यक्षों को भी बुलाया गया है। सरकार में शामिल कैबिनेट मंत्री भी इस बैठक का हिस्सा होंगे। इस बैठक में आपसी समन्वय, बेहतर तालमेल और किसी तरह के विवादस्पद बयानों से बचने को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें केंद्र के कैबिनेट मंत्री भी शामिल हो सकते हैं। जो इन पदाधिकारियों के साथ अपने अनुभव साझा करेंगे।
दरअसल यह प्रशिक्षण वर्ग ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब एक तरफ संगठन और सरकार के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद है तो दूसरी तरफ कैबिनेट और राज्य मंत्रियों के बीच भी आपसी तालमेल और बेहतर समन्वय का आभाव है। इसका एक उदाहरण उस समय दिखाई दिया जब जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने अपना इस्तीफा गृहमंत्री अमित शाह को भेज दिया था। उनके इस कदम के बाद यूपी की राजनीति में खलबली मच गई थी। हालांकि किसी तरह से इस मामले को सुलझाया गया। बीजेपी के सूत्रों की माने तो भविष्य में इस तरह के मामले न दोहराए जाएं इसके लिए कैबिनेट मंत्रियों को भी राज्य मंत्रियों के साथ बेहतर तालमेल बनाए रखने की नसीहत दी जाएगी।