भाकियू ने 13 सूत्री ज्ञापन सौंपा, बोले- लिखित आश्वासन मिलने पर ही समाप्त करेंगे महापड़ाव

भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) ने सोमवार को गन्ना संस्थान में प्रदर्शन किया। महापंचायत के जरिए किसानों की समस्याएं उठाईं। मुख्यमंत्री आवास जाने की कोशिश की। पुलिस ने रोका तो सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद गन्ना आयुक्त के साथ वार्ता हुई। 31 जुलाई को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक करने और संबंधित विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर समस्या समाधान कराने के आश्वासन पर महापंचायत खत्म हुई।

भाकियू के पदाधिकारी सुबह से ही गन्ना संस्थान पहुंचने लगे थे। दोपहर करीब 12 बजे तक ट्रैक्टर, बस सहित अन्य वाहनों का काफिला पहुंचा। यूनियन से जुड़े नेताओं ने गन्ना आयुक्त कार्यालय के सामने महापंचायत शुरू कर दी। सरकार पर वादा खिलाफी और गन्ना, कृषि, बिजली विभाग के अधिकारियों पर किसानों के शोषण का आरोप लगाया। दोपहर करीब तीन बजे एडीएम मौके पर पहुंचे और ज्ञापन लिया, लेकिन किसान नहीं माने। वे शाम पांच बजे मुख्यमंत्री आवास जाने के लिए निकल पड़े। वे संस्थान परिसर से बाहर पहुंचे थे कि पुलिस ने रोक किया। किसान सड़क पर धरने पर बैठ गए। 

पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई। हालांकि बाद में किसान मान गए और गन्ना आयुक्त कार्यालय के सामने आकर बैठ गए। देर शाम गन्ना आयुक्त प्रभु एन सिंह ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया। आश्वासन दिया कि जल्द ही गन्ने का भुगतान कराया जाएगा। अन्य प्रकरण में 31 जुलाई को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक होगी, जिसमें कृषि व उससे जुड़े अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ भाकियू के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता होगी। महापंचायत को यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह, धर्मेंद्र मलिक, दिगंबर सिंह, महेंद्र रंधावा, उम्मीद सिंह, उधम सिंह, जगपाल सिंह आदि मौजूद रहे।

ये हैं प्रमुख मांगें
मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में गन्ना मूल्य का भुगतान कराने, 14 दिन में भुगतान न होने पर ब्याज दिलाने, आलू निकासी का दबाव न बनाने, आलू भंडारण का किराया राज्य स्तर पर तय करने, बाढ़ प्रभावित इलाके के किसानों को सहायता राशि दिलाने एवं कर्ज में ब्याज पर छूट देने, पशुओं में टीकाकरण कराने, सभी किसानों को मुफ्त बिजली योजना का लाभ दिलाने, प्राधिकरणों से किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा दिलाने आदि की मांग की गई है।

विभिन्न स्थानों पर रोके जाने से बढ़ा आक्रोश
विभिन्न जिलों से किसान गन्ना संस्थान आ रहे हैं। दोपहर में कुछ किसान विधानसभा के सामने से गुजरे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोक लिया। महापंचायत के दौरान किसानों ने आरोप लगाया कि महापंचायत में आने वाले किसानों को अलग- अलग जिलों में भी रोका गया है।

सड़क पर बैठे किसान, वाहनों की लगी कतार 

 डालीबाग में किसान यूनियन के पदाधिकारी व उनके समर्थक सोमवार को अपनी मांगों को लेकर सड़क पर बैठ गए। इससे चारों तरफ वाहनों की कतार लग गई। यहां गन्ना संस्थान में किसानों की बैठक सुबह से चल रही थी। शाम को अचानक सभी किसान बाहर निकले और सड़क पर जमा हो गए। इससे आवागमन बाधित हो गया।

इन्हें हटाने के लिए बड़ी संख्या पुलिस बल को बुलाना पड़ा। काफी देर तक पुलिस अधिकारी किसानों को मनाते रहे। इस दौरान किसान नेताओं की पुलिस अधिकारियों से बहस भी हुई। पुलिस ने रूट डायवर्ट कर वाहनों को दूसरे रास्ते से निकलवाया। हालांकि, इस बीच काफी देर तक आवागमन प्रभावित रहा। राणा प्रताप मार्ग पर वाहनों का दबाव ज्यादा रहा। वैकल्पिक रास्ते से गाड़ियों को निकलवाने के बाद आवागमन सामान्य हो सका।

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