नकली दवाओं का काला धंधा: औषधि विभाग की जांच में आया सामने

उत्तर प्रदेश के आगरा में दवा माफिया विजय गोयल और नरेंद्र शर्मा ने नकली दवाओं की फैक्टरी खोलने से पहले इनको बनाने-पैकिंग के तरीके सीखे थे। इन्होंने हिमाचल प्रदेश के बद्दी में दवा और सिरप बनाने का प्रशिक्षण लिया। कंपनियों की पुरानी मशीनें खरीदकर नकली दवा बनाने की फैक्टरी शुरू कर दी। पुलिस और औषधि विभाग की जांच में ये जानकारी सामने आई है।

औषधि निरीक्षक नवनीत कुमार यादव ने बताया कि नरेंद्र शर्मा समेत अन्य लोगों से पुलिस ने पूछताछ की है, बताया कि विजय गोयल मुख्य सरगना है। हिमाचल प्रदेश के बद्दी में इसने दवा-सिरप कैसे बनते हैं, कच्चा माल कहां से आता है। कौन-कौन सी मशीनें उपयोग होती हैं, इसकी जानकारी की।

बद्दी में नकली दवा बनाने की फैक्टरी पहले भी पकड़ी जा चुकी है। इसमें आगरा के कमला नगर के मोहित बंसल मुख्य है। यहां से ट्रेनिंग और फैक्टरी संचालन की पूरी जानकारी की। वहीं सांठगांठ कर दवा निर्माता कंपनियों की पुरानी मशीनों को खरीद कर आगरा लाकर सेटअप जमा लिया।

कच्चे माल के लिए एजेंटों का सहारा

दवा और सिरप का कच्चा माल खरीदने के लिए एजेंटों का सहारा लिया। ये एजेंट बद्दी और आगरा में नकली दवा बनाने वाले गैंग के सदस्य हैं। इनके सहयोग से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना से दवा और सिरप का कच्चा माल खरीदता था। पैकिंग सामान और नामी कंपनियों के सिरप के रैपर और 100 एमएल की शीशी भी खरीदी जाती है।

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