प्रदेश में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव में बसपा पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। पार्टी इस चुनाव को गांव-गांव तक अपनी पैठ बनाने और संगठन को मजबूत करने के अवसर के रूप में देख रही है। इसी रणनीति के तहत पार्टी ने कैडर कैंप शुरू किए हैं, जिनमें सैकड़ों लोगों को सदस्यता दिलाई जा रही है। पार्टी पदाधिकारियों के अनुसार, पंचायत चुनाव के जरिए 2027 के विधानसभा चुनाव की नींव तैयार की जाएगी।
लोकसभा चुनाव के बाद बसपा ने कैडर कैंपों पर ध्यान केंद्रित किया और संगठन को मजबूत करने के प्रयास तेज किए। वरिष्ठ पदाधिकारी गांवों में जाकर नई सदस्यता दिलवा रहे हैं और अन्य दलों के नेताओं को भी पार्टी में शामिल किया जा रहा है। एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, बिहार चुनाव के बाद पंचायत चुनाव की तैयारियों को और गति दी जाएगी।
साथ ही, पार्टी सुप्रीमो ने दलितों के खिलाफ होने वाली घटनाओं को गंभीरता से लिया है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल को निर्देश दिया है कि वे पीड़ितों के घर जाकर सांत्वना दें और आवश्यक आर्थिक मदद मुहैया कराएं। पार्टी का यह कदम दलित वोट बैंक को एकजुट करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
सात सितंबर को बैठक में तय होगी रणनीति
बसपा सुप्रीमो ने आगामी सात सितंबर को प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी संस्थापक कांशीराम के 9 अक्टूबर को होने वाले परिनिर्वाण दिवस की तैयारियों की रूपरेखा तय की जाएगी। साथ ही, पंचायत चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी और उम्मीदवारों के चयन के संबंध में भी निर्देश दिए जाएंगे।