जातीय जनगणना: मछुआरा समुदाय को जगाएंगे यूपी के मंत्री संजय निषाद

जातीय जनगणना का मुद्दा गरमाने के बीच जातीय जनगणना की मांग करने वाले निषाद पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद अब मछुआ समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने के मुद्दे को धार देंगे। इसके लिए वह 15 अक्तूबर से समुदाय को जगाने के अभियान पर निकलेंगे। 01 दिसंबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण अभियान के दौरान संजय मछुआ समुदाय को अनूसूचित जाति की सूची से बाहर करने के लिए जिम्मेदार सियासी दलों के बारे में भी जानकारी देकर एनडीए के पक्ष में बिरादरी को लामबंद करेंगे।

संजय की इस कवायद के लेकर सियासी जानकारों का कहना है कि वह इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए भाजपा हाईकमान पर टिकट के लिए दबाव बनाने की कोशिश है। दरअसल इस बार वह लगातार अपने ही सिंबल पर चुनाव लड़ने की बात को पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं। इससे साफ है कि वह चाहते हैं कि उन्हें जितना टिकट दिया जाए, वह उनके ही सिंबल पर दिया जाए। अपनी इस मंशा को पूरा करने के लिए ही लगातार वह मछुवारा समाज को लामबंद करने के लिए जहां लगातार बिरादरी को अनुसूचित जाति में शामिल करने का मुद्दा उठा रहे हैं। वहीं, भाजपा को यह संदेश भी देना चाहते हैं कि अपनी बिरादरी के वही एक सर्वमान्य नेता है। इसलिए पूर्वांचल में उनको उचित प्रतिनिधित्व देने से लोकसभा चुनाव में फायदा हो सकता है।

अपने इसी सियासी एजेंडे को धार देने के लिए निषाद पार्टी के अध्यक्ष लगातार संगठन के मजबूत करने के नाम पर बिरादरी को यह समझाने में जुटे हैं कि उनके हितों की लड़ाई वही लड़ रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने 15 अक्तूबर से बिरादरी को समझाने के लिए प्रशिक्षण अभियान शुरू करने की एलान किया है। इस अभियान के तहत हर मंडल पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें संजय निषाद खुद मौजूद रहेंगे। हर मंडल पर आयोजित होने वाले एक दिवसीय प्रशिक्षण में ऑनलाइन सदस्य बनाने के साथ उनसे निषाद पार्टी को ही वोट देने का संकल्प पत्र भरवाया जाएगा। साथ ही उन्हें यह समझाया जाएगा कि मछुआ समाज को एससी श्रेणी में अब तक आरक्षण क्यों नहीं दिया गया और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। अब उन्हें अपना हक लेने के लिए आगे किस दल के साथ रहना है, यह भी बताया जाएगा।

मंडलवार कब कहां होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
1- गोरखपुर, बस्ती  15 अक्तूबर
2- बनारस, आजमगढ़ 21 अक्तूबर  
3- प्रयागराज, मिर्जापुर  27 अक्तूबर
4- अयोध्या, देवीपाटन  2  नवंबर 
5- चित्रकूट, झांसी  8 नवंबर 
6- आगरा, अलीगढ़  14 नवंबर 
7- बरेली,  मुरादाबाद 20 नवंबर
8- मेरठ, सहारनपुर  26 नवंबर 
9- लखनऊ कानपुर मंडल 1 दिसम्बर 

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