उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना तभी साकार होगी जब लोग स्वदेशी उत्पादों को अपनाएँ। उन्होंने दीपावली से पहले 10 से 18 अक्टूबर के बीच प्रत्येक जिले में एमएसएमई विभाग की मदद से एक सप्ताह तक स्वदेशी मेले आयोजित करने का निर्देश दिया। इन मेलों में ओडीओपी और स्थानीय उत्पादों के स्टॉल होंगे, जिससे स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को लाभ मिलेगा और लोग विदेशी उत्पाद खरीदने से बचेंगे।
सीएम ने कहा कि 2017 से पहले बाजार में चीन का झालर छाया करता था, लेकिन अब लोग मिट्टी के दीप जला रहे हैं। उन्होंने अयोध्या के दीपोत्सव का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार भी वहां रिकॉर्ड संख्या में दीप प्रज्ज्वलित होंगे, जो मिट्टी और गाय के गोबर से तैयार किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने भाजपा की ओर से लखनऊ में आयोजित ‘आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान’ कार्यशाला में कहा कि 25 से 29 सितंबर तक ग्रेटर नोएडा में आयोजित यूपीआईटीएस में यूपी के उत्पादों को बड़ा मंच मिलेगा। उन्होंने स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों और हस्तशिल्पियों से इस कार्यक्रम का अवलोकन करने की अपील की।
योगी आदित्यनाथ ने देश में निर्मित उत्पादों को असली स्वदेशी बताते हुए कहा कि सुई से लेकर समुद्री जहाज, फाउंटेन पेन से लेकर एरोप्लेन तक सभी में भारत के श्रमिकों और युवाओं की मेहनत झलकती है। उन्होंने लोगों से स्वदेशी को जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।
अभियान के राष्ट्रीय सह संयोजक व सांसद सीपी जोशी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान का उद्देश्य भारत को केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि विश्व का निर्माता और मार्गदर्शक बनाना है। उन्होंने ओडीओपी और ‘वोकल फॉर लोकल’ जैसे नवाचारों को जन-जन तक पहुँचाने की आवश्यकता बताई।
सीएम ने इतिहास का उदाहरण देते हुए कहा कि 1100 ईस्वी में भारत में हिंदुओं की आबादी 60 करोड़ थी, जो 1947 तक घटकर 30 करोड़ रह गई। उन्होंने चेतावनी दी कि विदेशी मॉडल अपनाने से खेती, कुटीर और लघु उद्योगों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि यूपी ने पिछले 8 वर्षों में कई समस्याओं का समाधान किया है और इसी आधार पर 22 वर्षों में प्रदेश को पूरी तरह विकसित किया जा सकता है।