मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को निर्देश दिए कि होमगार्ड और शिक्षक भर्ती में महिलाओं को पुलिस भर्ती की तर्ज पर प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का दायित्व है कि महिलाओं को सम्मान के साथ-साथ शासन-प्रशासन और सुरक्षा बलों में भी समुचित भागीदारी मिले। मुख्यमंत्री ने यह बात महिला आर्थिक सशक्तिकरण सूचकांक (WEE Index) के प्रस्तुतिकरण के दौरान कही।
यह सूचकांक योजना विभाग द्वारा उदयती फाउंडेशन के सहयोग से तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य यह आकलन करना है कि सरकारी योजनाओं से महिलाओं को कितना लाभ मिल रहा है और कहां सुधार की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने इसे नारी गरिमा और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रदेश का ऐतिहासिक कदम बताया।
इस सूचकांक में राज्य के 75 जिलों का मूल्यांकन पांच प्रमुख क्षेत्रों – उद्यमिता, रोजगार, शिक्षा व कौशल, आजीविका और सुरक्षा एवं आवागमन सुविधाओं – के आधार पर किया गया है। यह सूचकांक यह दर्शाता है कि किन जिलों में महिलाओं तक योजनाओं का लाभ अधिक पहुंचा और किन जिलों में सुधार की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस सूचकांक को मुख्यमंत्री कंट्रोल रूम से जोड़ा जाए और सभी विभाग इसे नीतिगत निर्णयों और निगरानी का आधार बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक विभाग महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर कार्ययोजनाएं तैयार करे, ताकि योजनाओं का प्रभाव स्थानीय स्तर तक पहुंच सके।
कुछ जिलों में अपेक्षित सुधार की जरूरत
प्रस्तुतिकरण के दौरान यह बात सामने आई कि लखनऊ, कानपुर नगर और वाराणसी जैसे जिलों में योजनाओं से महिलाओं को अपेक्षाकृत बेहतर लाभ मिला है, जबकि श्रावस्ती, महोबा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और संभल जैसे जिलों में महिलाओं की भागीदारी सीमित रही।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ODOP मार्जिन मनी योजना के अंतर्गत महिलाओं को अधिक लाभ पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं। इसके साथ ही, तकनीकी संस्थानों, कौशल विकास केंद्रों और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण से बाहर हो चुकी महिलाओं को दोबारा जोड़ने के लिए प्रत्येक जिले में ‘पुनः नामांकन इकाई’ बनाई जाए। स्वास्थ्य और सेवा क्षेत्र में महिलाओं को आगे लाने के लिए पैरामेडिकल संस्थानों की सुविधाएं सुलभ कराई जाएं। साथ ही, महिला चालकों और परिचालकों को अवसर देने की बात भी कही।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों से अपील की कि वे इस सूचकांक को महज एक रिपोर्ट न मानें, बल्कि इसे कार्य की आधारशिला बनाएं और तय लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से हासिल करें।