राहुल गांधी के खिलाफ कार्रवाई की कानूनी एवं राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी कांग्रेस: प्रमोद तिवारी

राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म करने के विरोध में कांग्रेस बड़े आंदोलन की तैयारी में है। राज्यसभा में विपक्ष का उप नेता बनाए जाने के बाद शुक्रवार को पहली बार प्रयागराज आए प्रमोद तिवारी ने कहा कि देश में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। इसके खिलाफ कानूनी और राजनीतिक दोनों लड़ाई लड़ी जाएगी।

प्रमोद तिवारी ने राहुल गांधी की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से की। उनका कहना था कि इंदिरा गांधी की भी सदस्यता खत्म हुई थी और उसके बाद वह फिर से प्रधानमंत्री बनीं थीं। कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी न्यायालय का पूरा सम्मान करती है। यह पूरा प्रकरण भाजपा के षडयंत्र की देन है। बढ़ते जनाधार से घबड़ाई भाजपा राहुल गांधी को संसद में बोलने से रोकना चाहती है।

उन्होंने अडानी के मुद्दे पर जेपीसी की मांग फिर दोहराई। कहा कि जब तक यह मांग मान नहीं ली जाती आंदोलन जारी रहेगा। प्रमोद तिवारी ने आठ वर्ष में ही वाराणसी का विकास होने के प्रधानमंत्री के बयान पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि किसी के लिए भी इतना घमंड ठीक नहीं है। कांग्रेस नेता ने महंगाई, बेरोजगारी आदि मुद्दे को लेकर भी भाजपा को घेरा।

सीडब्ल्यूसी की बैठक में ऑनलाइन हुए शामिल

राहुल गांधी के मुद्दे पर आगे की रणनीति को लेकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की शुक्रवार शाम को बैठक हुई। प्रमोद तिवारी उस बैठक में प्रयागराज से ही ऑनलाइन जुड़े।

नहीं कराया स्वागत

राज्यसभा में विपक्ष का उप नेता बनाए जाने के बाद प्रमोद तिवारी शुक्रवार को पहली बार प्रयागराज आए। ऐेसे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से उनके स्वागत की तैयारी की गई थी लेकिन राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म किए जाने के विरोध में उन्होंने माला तक नहीं पहना। प्रमोद तिवारी ने कार्यकर्ताओं से स्वागत करने से रोक दिया। हालांकि, बमरौली से लेकर उनके आवास तक बड़ी संख्या में स्थानीय नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे। इनमें प्रमुख रुप से शहर अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा अंशुमन, गंगापार के अध्यक्ष सुरेश यादव, यमुनापार के अध्यक्ष अरुण तिवारी, मुकुंद तिवारी, संजय तिवारी, हसीब अहमद, हरिकेश त्रिपाठी, फुजैल हाशमी आदि शामिल रहे।

एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म किए जाने के विरोध में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन के सामने प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।

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