डिंपल यादव के चुनाव प्रचार से दूर हुए कांग्रेस कार्यकर्ता, सामने आई ये वजह

मैनपुरी में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। कांग्रेस गठबंधन में शामिल है। प्रदेश में सपा के साथ कांग्रेस का गठबंधन है। मैनपुरी लोकसभा सीट सपा के खाते में है। सपा प्रत्याशी डिंपल यादव की बैठकों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गैर मौजूदगी से चर्चाएं चल रही हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह भी नजर नहीं आ रहा है।

वर्ष 2004 के चुनाव में कांग्रेस ने अंतिम बार अपना प्रत्याशी मैदान में उतारा था। उस समय सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव के सामने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में सुमन चौहान ने चुनाव लड़ा था। उनको चौथे स्थान पर रहकर संतोष करना पड़ा था। बसपा प्रत्याशी अशोक शाक्य ने दूसरा और भाजपा प्रत्याशी रामबाबू कुशवाहा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया था। इसके बाद से कांग्रेस ने मैनपुरी लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है।
 वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के खाते में मैनपुरी लोकसभा सीट आई है। सपा ने डिंपल यादव को प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। प्रदेश में सपा से गठबंधन होने के कारण कांग्रेस का मैनपुरी लोकसभा सीट पर प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं होगा। सपा प्रत्याशी ने कार्यकर्ता बैठकें करके अपना जन संपर्क शुरू कर दिया है। सपा की बैठकों में कांग्रेस कार्यकर्ता नजर नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस की गतिविधियां पार्टी कार्यालय पर होने वाली बैठकों तक ही सीमित हो गई हैं।

प्रत्याशी नहीं होने से होती निराशा
नाम नहीं छापने की शर्त पर पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं का कहना है कि पांच साल तक हम संगठन को मजबूत करते हैं। गठबंधन होने के कारण कांग्रेस का प्रत्याशी मैदान में नहीं होता है। इससे कार्यकर्ता निराश होता है। कार्यकर्ताओं को दूसरे दलों की बैठकों में सम्मान नहीं मिलता है। दूसरे दल से गठबंधन होने पर प्रत्याशी नहीं के कारण कार्यकर्ता के मायूस होने से संगठन कमजोर होता है।

ये बोले कांग्रेस के जिलाध्यक्ष
कांग्रेस जिलाध्यक्ष विनीता शाक्य ने बताया कि प्रदेश में कांग्रेस का सपा से गठबंधन है। इसी के चलते लोकसभा सीट पर कांग्रेस का प्रत्याशी नहीं है। जिले में कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शीघ्र ही सपा प्रत्याशी के सर्मथन में अभियान चलाकर जन संपर्क शुरू करेंगे।

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