अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़: पंचतत्व में विलीन हुए पंडित हरिशंकर तिवारी

पूर्वांचल के कद्दावर ब्राह्मण नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी बड़हलगंज मुक्तिपथ पर पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या लोग पहुंचे हुए थे। इस दौरान पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी पहुंचे थे। अंतिम संस्कार के दौरान लोगों ने ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, बाबा तेरा नाम रहेगा’ सहित अन्य नारे लगाएं। इस दौरान गोरखपुर वाराणसी मार्ग पर भयंकर जाम लग गया था।

इससे पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री पं हरिशंकर तिवारी का पार्थिव शरीर दोपहर 3.30 बजे पैतृक गांव टाड़ा पहुंचा। गांव के लाल का अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी। गांव की महिलाएं, पुरूष, नौजवान, बच्चे, वृद्ध सभी पंडित जी के अंतिम दर्शन को बेताब दिखे।

Heavy crowd reach Bahubali Pandit Harishankar Tiwari Funeral in Gorakhpur

बुधवार सुबह गोरखपुर से निकली शवयात्रा में क्षेत्र के लोग भी हमसफर हो गए। कुछ देर गांव में रूकने के बाद शव यात्रा बड़हलगंज के लिए रवाना हुई। जैसे जैसे काफिला आगे चलता रहा लोगों का कारवां भी बढ़ता गया।

पंडित भृगुनाथ चतुर्वेदी बालिका इंटर कॉलेज होते हुए शव यात्रा बड़हलगंज पहुंची। पंडित जी के निधन पर शोक जताने व अंतिम दर्शन के लिए सड़क के किनारे लोग खड़े दिखे। नेशनल पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज पर कुछ देर तक पार्थिव शरीर रखे वाहन को रोका गया। यहां लोगों ने अपने नेता का अंतिम दर्शन किया। इसके बाद शव यात्रा मुक्तिपथ के लिए रवाना हुई।

छात्र राजनीति से शुरू हुआ बाहुबली पंडित हरिशंकर तिवारी का सफर सदन तक पहुंचा। वह गोरखपुर के चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक और यूपी सरकार में पांच बार कैबिनेट मंत्री रहे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद जब देश में कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति की लहर चल रही थी, तब वर्ष 1985 में जेल में रहते हुए हरिशंकर तिवारी ने कांग्रेस उम्मीदवार मार्कंडेय नंद को 21,728 वोटों से शिकस्त देकर राजनीति के दिग्गजों को चौंका दिया था।

Heavy crowd reach Bahubali Pandit Harishankar Tiwari Funeral in Gorakhpur

सत्तर के दशक में देश की राजनीति तेजी से बदल रही थी। जेपी की क्रांति और कांग्रेस को मिल रही चुनौतियों का असर हर राज्य में नजर आ रहा था। इससे राजनीति का गढ़ कहे जाने वाले पूर्वांचल के छात्र नेता भी अछूते नहीं थे। विश्वविद्यालयों में वर्चस्व की लड़ाई की शुरुआत हो चुकी थी। उस वक्त हरिशंकर तिवारी गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र नेता के रूप में बड़ा नाम बनकर उभरे थे।  

Heavy crowd reach Bahubali Pandit Harishankar Tiwari Funeral in Gorakhpur

हरिशंकर तिवारी की ख्याति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि चिल्लूपार सीट से वे 22 साल तक लगातार विधायक चुने गए। हरिशंकर की एक खूबी ये भी रही कि हर दल के साथ उनके करीबी रिश्ते रहे। सत्ता चाहे जिसकी भी रही वे हमेशा मंत्री बनते रहे। बीजेपी का दौर हो या समाजवादी पार्टी अथवा बहुजन समाज पार्टी का, हर बार पंडित हरिशंकर को सराकर में बड़ा ओहदा मिला।

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