कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के बेटे की व्हाट्सएप पर तस्वीर लगाकर 2.08 करोड़ ठगी का मामला उलझता जा रहा है। जांच में पता चला कि इस रकम में से कुछ रुपयों का इस्तेमाल बेंगलूरू में क्रिप्टो करेंसी की खरीदने में किया गया है, हालांकि पुलिस पता कर रही है कि कितने पैसों से क्रिप्टो करेंसी खरीदी गई है।
जिन खातों से खरीदारी की गई है उन खाता धारकों को पुलिस ने अपनी सूची में शामिल कर लिया है। अब तक ठगी की रकम 2.08 करोड़ रुपये को 100 से अधिक खातों में ट्रांसफर किया जा चुका है।
पुलिस इन खातों का सत्यापन करवाने में जुटी है। आशंका है कि इनमें से कुछ खाते ऐसे भी हो सकते हैं, जो सिर्फ पुलिस को गुमराह करने के लिए भोले-भाले लोगों के खाते में पैसा भिजवाया गया है। केस को सुलझाने के लिए साइबर पुलिस की तीन टीमें लगी हुई हैं। वहीं, गोरखपुर में पान मसाला बनाने वाली कंपनी के मालिक की डीपी लगाकर जीएम से 2.17 करोड़ की ठगी का मामले को भी पुलिस जोड़कर देख रही है।
अब तक 100 से अधिक खातों में पैसा ट्रांसफर
जांच में पता चला कि शुरुआती तीन खातों से आगे ठगी रकम को कई खातों में ट्रांसफर किया गया है। इन्हीं में से दो से तीन खाते ऐसे हैं, जिनसे क्रिप्टो करेंसी खरीदी गई है। डीसीपी अभिषेक भारती ने बताया कि अब तक लगभग 100 बैंक खाते सामने आ चुके हैं, जिनमें ठगी के पैसों को भेजा गया है। साथ ही तीन टीमें भी अलग-अलग राज्यों में रवाना की गई है। जल्द ही ठगों का पता लगा लिया जाएगा।
क्या है क्रिप्टो करेंसी
यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी एक डिजिटल मुद्रा (क्रिप्टो करेंसी) है। इसकी कीमत अमेरिकी डॉलर के लगभग बराबर है। क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के जरिये खरीदा जा सकता है। ऐसे कई एप हैं, जिसके माध्यम से लेनदेन हो रहा है। एक बार पैसा क्रिप्टो करेंसी में बदल जाता है, तो इसे कई खातों और वॉलेट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसे ट्रैक करना और रिकवर करना बेहद मुश्किल है।