गाेंडा। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए अब परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस के नियम कड़े कर दिए हैं। नए नियमों के तहत केवल कुशल और प्रशिक्षित चालकों को ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके लिए आईटीआई मैदान परिसर में स्थित ड्राइवर ट्रेनिंग-टेस्टिंग इंस्टीट्यूट (डीटीआई) में एक आटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक तैयार किया गया है।
इस ट्रैक पर कुल 19 उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे और सेंसर लगाए गए हैं, जो वाहन चालक की हर गतिविधि को रिकॉर्ड कर कंट्रोल रूम तक पहुंचाएंगे। 360 डिग्री कैमरों और सेंसर से मिली जानकारी एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के माध्यम से विश्लेषित की जाएगी। इस परीक्षण के आधार पर ही आवेदक को लाइसेंस मिलेगा। फेल होने वाले उम्मीदवारों का लाइसेंस जारी नहीं होगा।
परिवहन विभाग ने यह कदम विशेष रूप से नौसिखिया चालकों की वजह से हो रही बढ़ती मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाया है। पिछले वर्ष की तुलना में 2025 में जनवरी से अब तक हुई दुर्घटनाओं की संख्या बढ़कर 444 हो गई है, जिसमें 248 लोगों की मौत और 370 लोग घायल हुए हैं। पिछले वर्ष इसी अवधि में क्रमशः 394 दुर्घटनाएं, 233 मौतें और 294 घायल हुए थे।
प्रत्येक दिन औसतन 50 नए ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं, लेकिन अब नई प्रक्रिया से केवल प्रशिक्षित और दक्ष चालकों को ही लाइसेंस मिलेगा। इससे न केवल सड़क सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि दुर्घटनाओं में होने वाली जानमाल की हानि को भी कम करने में मदद मिलेगी।