‘जुमा साल में 52 बार’ बयान पर पहले मिली थी क्लीन चिट, अब संभल सीओ अनुज चौधरी फिर जांच के घेरे में

उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चर्चित सीओ अनुज चौधरी को होली और जुमा को लेकर दिए गए बयान को लेकर मिली क्लीन चिट निरस्त कर दी गई है. शासन ने पूरे मामले की नए सिरे से जांच का आदेश दिया है. ये जांच पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की मांग के बाद शुरू हुई. बता दें कि शासन ने आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर द्वारा सीओ अनुज चौधरी के विरुद्ध सेवा नियमावलियों के लगातार उल्लंघन के आरोपों में पूर्व में दिए क्लीन चिट को निरस्त करते हुए शिकायतकर्ता से साक्ष्य मांगे हैं.

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने सीओ अनुज चौधरी द्वारा लगातार सेवा नियमावलियों और वर्दी नियमावलियों के उल्लंघन किए जाने, बिना अधिकारिकता के बयानबाजी करने, पुलिसिंग और अपने कार्यों को जानबूझकर सांप्रदायिक रंग देने, सेवा नियमावलियों से इतर कार्य कर माहौल को तनावग्रस्त करने और वर्ग विशेष में असुरक्षा की भावना उत्पन्न करने के आरोप लगाए थे.

पहले मिल गई थी क्लीन चिट

इस संबंध में एएसपी संभल श्रीश चंद्र ने जांचकर बताया था कि संभल में जुमा अलविदा, होली और ईद का त्योहार शांतिपूर्वक माहौल में संपन्न हुआ. अन्य आरोप के संबंध में कोई पुष्टिकारक साक्ष्य प्रकाश में नहीं आए, जिस आधार पर शिकायत निस्तारित कर दी गई. अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को पत्र लिखकर कहा था कि मुख्य सचिव द्वारा पारित विभिन्न शासनादेश के अनुसार जनसुनवाई शिकायत में शिकायतकर्ता के बयान आवश्यक हैं.

अमिताभ ठाकुर पेश करेंगे सबूत

इस मामले में जहां सीओ अनुज चौधरी और अन्य लोगों के बयान लिए गए, वहीं उन्हें अपनी बात और सबूत प्रस्तुत करने का अवसर नहीं मिला, जो आपत्तिजनक है. इस पर शासन द्वारा दिए आदेश के क्रम में एएसपी संभल श्रीश चंद्र ने अमिताभ ठाकुर को तीन दिनों में अपने आरोपों के संबंध में सुसंगत साक्ष्य और कथन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.

सीओ अनुज चौधरी ने क्या बयान दिया था?

बता दें कि संभल सीओ अनुज चौधरी ने पीस कमेटी की बैठक में एक बयान दिया था. उनका ये बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. बयान में उन्होंने हिंदू-मुस्लिम दोनों पक्षों के सामने कहा था कि जुमा साल में 52 बार आता है, लेकिन होली एक बार आती है. इसलिए जिसको होली खेलनी हो और जिस भाई के अंदर होली खेलने की कैपेसिटी हो, वही इंसान घर से बाहर निकले, वरना घर के अंदर रहकर ही नमाज पढ़े. क्योंकि, पुलिस-प्रशासन किसी भी तरह का उपद्रव बर्दाश्त करने में मूड में नहीं है.

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