पूर्व सांसद धनंजय सिंह की बढ़ीं मुश्किलें, FIR अर्जी खारिज, सरेंडर करने का आदेश

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह हत्याकांड में साजिश रचने के आरोपी पूर्व सांसद धनंजय सिंह की एफआईआर निरस्त करने अर्जी खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर धनंजय सिंह सरेंडर करें आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरेंडर के बाद जमानत अर्जी डाल सकते हैं।

आपको बता दें कि  धनंजय सिंह को गिरधारी के बयान के आधार पर छह जनवरी की रात में लखनऊ गैंगवार में प्रमुख अजीत सिंह की हत्या में शामिल होने का आरोपी बनाया था। इसके साथ ही धनंजय पर एक घायल शूटर राजेश तोमर का लखनऊ और सुलतानपुर में इलाज कराने में मदद करने का भी आरोप है। इस मामले में वह फरार हैं और पुलिस ने 25000 रुपए का इनाम घोषित किया है। पुलिस धनंजय सिंह को भगोड़ा घोषित कराने की तैयारी में है।

इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह के मददगार विपुल सिंह, प्रदीप सिंह कबूतरा, कुणाल कुमार, शूटर रवि यादव की भी तलाश की जा रही है। धनंजय सिंह पांच मार्च को पुराने मामले में जमानत कटवा कर प्रयागराज कोर्ट में हाजिर हो गए थे। 25 दिन बाद इसी मामले में धनंजय सिंह फिर जमानत पर बाहर आ गए। अब वह फिर पुलिस की रडार पर है। इन आरोपियों की सम्पत्ति कुर्क करने की अनुमति मिलते ही पुलिस डुगडुगी पिटवायेगी।

सबसे पहले 21 जनवरी को गिरफ्तार शूटर संदीप सिंह उर्फ बाबा ने इस हत्याकाण्ड का पूरी तरह से खुलासा किया था। उस समय उसने ही एक शूटर रवि यादव का नाम लिया था। पर, इसके बाद पकड़े गये हर शूटर व मददगार ने रवि यादव का नाम नहीं लिया। अंकुर, राजेश तोमर व मुस्तफा सभी ने रवि यादव के नाम से अनभिज्ञता जताई। अब पुलिस का मानना है कि इस शूटर का नाम रवि यादव नहीं बल्कि कुछ और है। संदीप ने उसका नाम फर्जी लिया था। कुछ मुखबिरों ने इस शूटर का नाम सोनू बताया है। पर, विभूतिखंड पुलिस अभी इस बारे में पड़ताल कर रही है। इसी सिलसिले में एक टीम फिर दिल्ली भेजी गई है।

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